उत्तरप्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ विश्व प्रसिद्ध कालीन नगरी में आये, कार्पेट सिटी में बने कार्पेट मार्ट में बैइक की, लेकिन कालीन के बारे में सोचा तक नहीं और उद्वमियों को झुनझुना पकड़कर चल दिये।
सीएम का आगमन भदोही हुआ तो लोगों ने समझा कि अब भदोही के दिन बहुरने वाले हैं। योगी का पिटारा जब भदोही में खुलेगा तो यहां पर विकास की गंगा बहेगी, लेकिन योगी तो भदोही वालों की उम्मीदों पर पानी ही फिरा बैठे। जिसे लेकर अब यहां के लोग सोच रहे होंगे कि आखिर योगी यहां आये ही क्यों थे।
बता दें कि जब सीएम से एक जनप्रतिनिधि ने चीनी मिल की बात की तो उन्होंने साफ कहा कि पहले गन्ने का उत्पादन करो उसके बाद चीनी मिल की बात हो। खैर योगी की इस बात से सभी लोग सहमत ही होंगे क्यों कि जब गन्ना होता ही नहीं तो चीनी मिल में क्या गेहूं पेरा जायेगा।
वहीं सीएम साहब यहां पर कालीन बुनकर हैं। कालीन निर्माता हैं, इतना बड़ा उद्योग है। फिर भी इतनी उपेक्षा क्यों! क्या प्रदेश सरकार उद्योग का भला नहीं चाहती।
विदित हो कि योगी जी का यह चुनावी तैयारियों वाला दौरा है, जिसका सीधा उदाहरण है कि वे आने के बाद पहले सांसद व विधायकों की बैठक लिये उसके बाद संबोधन देकर झुनझुना पकड़ाना शुरू किये।