सीतामढ़ी भदोही। लवकुश जन्मोत्सव के अवसर पर सीतामढ़ी में आयोजित ऐतिहासिक विशाल मेले में शनिवार को सीओ रामकरन व एसडीएम अमृता सिंह के शानदार मानिटरिंग में सुरक्षा की दृष्टि से पुलिस हर नाके पर जहां मौजूद रही। वहीं रविवार को भी लोगों का मेले का लुफ्त उठाने के लिए हुजूम उमड़ा तो पुलिस लोगों को सुरक्षा देने के बजाय कहीं रसूखदारों को बैरिकेडिंग पर क्रॉस कराने के लिए शह देती दिखी तो सीतामढ़ी मेन गेट पर लगे बैरिकेटिंग पर कोइरौना थाना प्रभारी एसएन मिश्रा के नेतृत्व में पुलिस दोपहिया और चारपहिया वाहनों को रोक आम जनता से उलझती दिखी। अगर उत्पीड़न करती दिखी कहा जाए तो गलत नहीं होगा। गंगा घाट पर दोपहर पुलिस के जवान घाट से दूर सीढ़ियों के पास मेले का लुत्फ उठा रहे थे उधर युवा हुड़दंग मचा रहे थे।
बता दें कि शनिवार को सीतामढ़ी मेले के दौरान अखबार के कैमरे में कैद हुई तस्वीरों में गंगा घाट पर पुलिस नदारद दिखी। जिसका फायदा उठाकर मौत के सौदागर कहे जाने वाले महर्षि बाल्मीकि गंगा घाट पर युवा स्टंटबाजी करते दिखे, तो कई उछलते-कूदते और करतब दिखाते नजर आए। जो न सिर्फ बड़ी दुर्घटना को दावत दे रहा था। बल्कि सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल खड़ा कर रहा था। उत्पात मचा रहे नवयुवक यहीं नही रुके, देखते ही देखते लोहे की पाईप के सहारे गंगा में बने बैरिकेडिंग के आधे से अधिक हिस्से को उखाड़ डाला। साफ है कि अगर सामाजिक सुरक्षा के लिए सरकार से मोटी तनख्वाह लेने वाले ये पुलिस के जवान इस दो दिवसीय मेले में भली भांति मुस्तैद नहीं रह सके, तो 28 जुलाई से शुरू होकर माह भर चलने वाले कांवड़ मेले में मौत के पहिए के बीच भला कैसे मोर्चा संभालेंगे और कांवरियों की सुरक्षा कर सकेंगे।