लोकतंत्र की हत्या का गुनहगार कौन?
लोकतंत्र! यह वह पवित्र नाम है जिसे सुनने के बाद आत्मा एक बार तृप्ति का अनुभव करती है। किन्तु चुनाव दर चुनाव लोकतंत्र की...
बाबा साहेब डाॅ.बी.आर. अम्बेडकर विश्ववंदनीय थे- चंद्रवीर वं. यादव
भारत रत्न महामानव डॉ बाबासाहब भीमराव आंबेडकर की जयंती हम भारत वासी बड़े धूमधाम से मनाते हैं और मनाना भी चाहिए। आज हम जिस...
सामाजिक स्वप्न पूर्ण करने हेतु संगठित होना आवश्यक- हरिकेश शर्मा नंदवंशी
सादर वंदन बन्धु सैन, सबिता, श्रीवास, शर्मा, वर्मा, नन्दवंशी, मारू, पारेख, वालंद, नाभिक, नापित, नाई, उमरे, सराठे, ठाकुर, लिंबचिया, प्रमाणिक, खवास, गठोडिया, टोक्सिया, नन्द,...
होली आपसी मनमुटाव दूर कर मिलने-मिलाने का त्यौहार है- रानी मोटवानी
होली बहुत ही सुंदर रंगों से भरा त्योहार है। हम सब एक दूसरे की ज़िंदगी में प्यार का रंग भर देते हैं।
हर पर्व का...
होली का नाम लेते ही मानो तन-मन रंग जाता है- वंदना श्रीवास्तव
होली का नाम आते ही तन और मन जैसे रंगों से नहा उठता है, लेकिन आज की पीढ़ी त्योहारों के वास्तविक स्वरूप ही भूल...
होली का बदलता हुआ स्वरुप – रजनी साहू
पर्वों की परम्पराएँ सदियों से हमारे देश में चली आ रही हैं ।ये हमारी संस्कृति की पहचान है, जो शालीनता से सद्भावना और आपस...
अब त्योहार आये और गये जैसे हो गये – अर्चना पांडे
पिछले करीब पन्द्रह बीस सालो में बहुत तेजी से बदलाव आया है , तो जाहिर सी बात है त्यौहारों पर भी इसका असर पडा...
होली की बदलता स्वरूप-आभा दवे
आज वक्त के अनुसार होली का स्वरुप भी बदल रहा है । आज होली दहन में वो बात नहीं है जो पहले हुआ करती...
होली के त्योहार का बदलता स्वरूप- मृदुला मिश्रा
होली! अगर अपने शब्दों में कहूं तो अपादमस्तक बदल गयी है यानी इसका ग्रामीण चोला उतर गया है और शहरीकरण हो गया है। पहले...
व्रत,उपवास पर्व त्यौहारोंका था पर होली – डाॅक्टर मीरा पांडे
भारतीय परिवेश में पर्वो और त्योहारों का आना व् मनाना सम सामयिक ,प्रासंगिक एवं आत्मिक विकास ,आत्मबोध ,का द्योतक माना जाता है। जीवन की...