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सांसद थप्पड़ काण्ड : अफवाह या हकीकत या जातीय रंग देने की कोशिस

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virendra singh ashok tiwari

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के आने के एक दिन पूर्व तैयारियों में लगे भाजपा के वरिष्ठ नेताओं , सांसद व विधायकों की मौजूदगी में कार्यक्रम के प्रभारी अशोक तिवारी को सांसद द्वारा गाली गलौज देने और कथित थप्पड़ मारने की घटना सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद आरोप प्रत्यारोप का दौर शुरू हो गया। जो में आये अधिकतर लोगों ने इसे जातीय रूप देने की कोशिस शुरू कर दी। अधिकतर लोगों ने सांसद विरेन्द सिंह मस्त को ब्राह्मण विरोधी बताना शुरू कर दिया।

क्या 2019 में टिकट की दावेदारी के लिये लग रहा आरोप प्रत्यारोप

भदोही सांसद विरेन्द्र सिंह मस्त मूलत: बलिया के रहने वाले हैं और भदोही लोकसभी के वर्तमान सांसद हैंं। अब से पहले उनके उपर आरोप लगते रहें हैं कि वे ब्रह्मणों का अधिक सम्मान देते हैं और उनके यहां राजपूतों की कोई सुनवाई नहीं होती है। वे भाजपा के ब्राह्ममण नेताओं से घिरे रहते हैं और उनकी ही सुनते हैंं। बता दें कि उन्हें ब्राह्मण विरोधी बताया जा रहा है कि जबकि वे अपना प्रतिनिधि पूर्व में भदोही विधानसभा के प्रत्याशी रहे शैलेन्द्र दूबे को बनाया है।

2019 का चुनाव नजदीक आ रहा है ऐसे में टिकट की दावेदारी के लिये अपना पक्ष मजबूत करने और दूसरों की छवि को गिराने के लिये दांव खेलने शुरू हो गये हैंं। 2 जून को कार्पेट मार्ट भदोही में विवाद हुआ था और सांसद द्वारा अपशब्दों का प्रयाग करने की बात भी सामने आयी थी। थप्पड़ मारने की घटना प्रकाश में भी आयी, जिसे नाम न छापने की शर्त पर कई लोगों ने स्वीकार भी किया किन्तु खुलकर बोलने से परहेज भी कर रहे थे।

हमार पूर्वांचल द्वारा खबर प्रकाशित होने के बाद एक लोकल न्यूज चैनल को दिये गये साक्षात्कार में जब पत्रकार अशोक कुमार मिश्रा ने सांसद से प्रकरण पर जानकारी लेनी चाही तो उन्होंने साफ कहा कि मैं अशोक तिवारी को जानता ही नहीं और वह कार्यों में हस्तक्षेप कर रहा था। अशोक तिवारी और उनके सहयोगी अशोक चौरसिया, भाजपा भदोही विधायक रविन्द्रनाथ त्रिपाठी के बयानों से यह साफ जाहिर होता है कि उस दिन कुछ न कुछ अशोभनीय हरकत हुई थी जिसे साफतौर पर स्वकार करने से गुरेज किया जा रहा है।

भाजपा जनों में भी जमकर हुई चर्चा

काशी प्रान्त के भाजपा नेताओं का एक व्हाट्अप ग्रुप है जिसमें भाजपाइयों ने आपस में इस घटना को लेकर जिक्र किया। किसी ने अशेक तिवारी के उपर जमकर आरोप लगाये तो किसी ने भाजपा सांसद को ब्राह्मण विरोधी साबित करने की कोशिस की।
देखिये बीजेपी के इस व्हाट्सअप ग्रुप में क्या चल रहा है——

सांसद थप्पड़ काण्ड की चर्चा बीजेपी व्हाट्सअप ग्रुप में
सांसद थप्पड़ काण्ड की चर्चा बीजेपी व्हाट्सअप ग्रुप में
सांसद थप्पड़ काण्ड की चर्चा बीजेपी व्हाट्सअप ग्रुप में
सांसद थप्पड़ काण्ड की चर्चा बीजेपी व्हाट्सअप ग्रुप में

भाजपा को होगा नुकसान

कार्पेट मार्ट में जो घटना हुई वह किसी जाति विशेष को लेकर नहीं हुई बल्कि अपना वर्चस्व स्थापित करने और अपने इगो को बचाने के लिये हुई। लोगों की मानें तो कार्यक्रम के प्रभारी रहे अशोक तिवारी किसी की सुन रहे रहे थे और अपनी मनमानी पर उतरे थे। जिसका विरोध सांसद ने किया और बात बढ़ गयी। लेकिन जिस तरह लोग मुद्दा बना रहे हैं यदि इसी तरह जाति के नाम पर लड़ते रहे तो निश्चित तौर पर भाजपा का नुकसान होगा।

अशोक तिवारी ने किया घटना से इनकार

भाजपा नेता अशोक तिवारी ने हमार पूर्वांचल से हुई बात में थप्पड़ की घटना से इनकार करते हुये कहा कि मारपीट नहीं बल्कि कहा सुनी हुई थी और मैंने भी बराबर जवाब दिया था। हांलाकि बीजेपी ग्रुप में हो रही चर्चाओं, फोन पर बातचीत, प्रत्यक्षदर्शियों के बयान के आधार पर यह कहा जा सकता है कि उस रात ऐसी कोई अप्रिय घटना अवष्य हुई थी, जिसे जातीय संघर्ष या भेदभाव का नाम नहीं दिया जा सकता, लेकिन जहां से धुआं उठ रहा है आग भी वहीं होगी।

सांसद वीरेंद्र सिंह, भदोही विधायक रविंद्र तिवारी, भाजपा नेता अशोक तिवारी और घटना के चश्मदीद गवाह अशोक चौरसिया* से की सीधी बात देखनें के लिए इस लिंक को क्लिक करें

https://youtu.be/0_Dimz9_WNo