Home भदोही निर्माणाधीन ओवरब्रिज से बदतर हुआ जन जीवन

निर्माणाधीन ओवरब्रिज से बदतर हुआ जन जीवन

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सैकड़ों लोगों के सामने आजीविका की समस्या
7 वर्ष पश्चात भी नहीं बन पाया ब्रिज, रोजाना बदल रहा नियम

भदोही । विश्व विख्यात कालीन नगरी भदोही में तत्कालीन सपा सरकार के कार्यकाल से निर्माणाधीन गजिया 31B रेलवे सेतु (ओवर ब्रिज) की वजह से स्थानीय निवासियों का जीना बद से बदतर हो गया है। यहां 2014 से राज्य और केंद्र सरकार की तरफ से ओवर ब्रिज बनाया जा रहा है बावजूद इसके इस ब्रिज का निर्माण कार्य पूरा नहीं हो सका है। सत्ता बदली शासन बदला बदल गए मुख्यमंत्री भी लेकिन इस ब्रिज का पूर्ण निर्माण नही हो सका है , अब आगामी 2022 विधानसभा चुनाव को देखते हुए कार्य में तेजी आई तो है लेकिन इस भागम भाग में स्थानीय अधिकारी कर्मचारी ने सोने पर सुहागा वाला काम किया है यहां पहले बीच सड़क से दोनों तरफ 7 मीटर उसके बाद मौजूदा सरकार में 9 मीटर की जद में आने वालों का मकान दुकान तोड़ने पर सहमति बनी और लोगों को उसी के अनुसार मुवावजा भी बना और बारी बारी कुछ अपवाद को छोड़ लगभग सभी को अधिग्रहण की राशि दे दी गई है।

हालांकि इस दौरान निर्माण कार्य कर रहे सेतु निगम के साथ साथ यहां के अधिकारियों के साथ स्थानीय लोगों की कई बार तोड़फोड़ और मुवावजा को लेकर नोकझोक हुई है। यहां मौजूद गरीबों को हमेशा से दबाया गया है इनकी कभी सुनी नही गई है जिसकी बानगी फिर देखने को मिली है यहां गजिया 31B ओवर ब्रिज के निर्माण कार्य के संबंध में पहले जो निशान लगाया गया था अब उस निशान से 1 मीटर पूरब साइड और अंदर तोड़ने की बात सेतु निगम और स्थानीय सरकारी कर्मचारियों द्वारा कहा जा रहा है और तो और इस कार्य में सहयोग न करने पर धमकाने का काम कर रहे है वहीं अपने हक की लड़ाई में यहां के निवासियों ने प्रदेश के सबसे बड़े दरबार योगी आदित्यनाथ से इंसाफ की गुहार लगाई है। यहां के लोगों का कहना था की जब सबकुछ तय हो चुका है तो अब और एक मीटर बढ़ाकर तोड़ने की बात न्याय संगत नहीं है हम लोगों ने पहले से तय निशान से ज्यादा अपना अपना मकान दुकान तोड़ लिया है बावजूद इसके इस तरह से जेल भेजने के नाम पर धमकाना गलत बात है।

स्थानीय लोगों ने माननीय मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से निवेदन है किया है की लगभग सभी लोग अपने घरों और दुकानों को तोड़ मुवावजे की राशि से निर्माण करा चुके है फिर भी अभी और तोड़ने की बात कर रहे है। लोगों का कहना था की हम लोग खून के आशु बहा रहे है क्या यही न्याय है! स्थानीय लोगों ने बताया की कागजों पर नाली सर्विस लेन बनाकर बंदरबांट किया जा रहा है लेकिन हम गरीबों को ही दबाने और धमकाने का काम किया जा रहा है।

गजिया निवासियों में संजय गुप्ता ,सुलतान राईन ,पिंटू राईन ,प्रिंस गुप्ता ,संतोष गुप्ता ,विवेक बरनवाल ,पल्लू मोदनवाल ,नंदलाल गुप्ता ,सुशील गुप्ता , पप्पू राईन , रेयाज अहमद ,गुलाम सरवर सहित अन्य दर्जनों लोग शामिल रहे है।

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