आगामी 1फरवरी को है मौनी अमावस्या का पर्व
भदोही। काशी प्रयाग के मध्य स्थित सेमराधनाथ में माघ माह में गंगा की रेत में हर वर्ष कल्पवास का आयोजन होता है। जहां पर काफी दूर दूर के लोग कल्पवास करते है। कल्पवास के दौरान प्रवचन, यज्ञ, सीताराम संकीर्तन का आयोजन किया जाता है। सेमराधनाथ कल्पवास मेला के लिए स्थानीय मेला समिति और जिला प्रशासन के सहयोग से कल्पवास का आयोजन होता है। इस वर्ष भी कल्पवास का आयोजन हुआ है जिसका समापन आगामी 16 फरवरी को होगा। लेकिन कल्पवास क्षेत्र में इस समय गंगा का जलस्तर बढने से कल्पवास करने वालों को दिक्कत हो रही है। इसकी मुख्य वजह यह है कि कल्पवास में जो टेंट लगाये गये थे गंगा का जलस्तर बढने से गंगा का पानी नजदीक पहुंच गया जिससे टेंट हटाकर सुखे जगह किया गया। मेले में तैनात पुलिस छावनी को भी सुखे जगह किया गया।
कल्पवास क्षेत्र में लोगो को जाने के लिए जो रास्ता बनाया गया था वह पूरी तरह पानी से डूब गया है। और लोग पानी में से होकर आवागमन कर रहे है। जिससे कल्पवास करने वालों के परिजनों को आने जाने में दिक्कत हो रही है। लोग अपने वाहनों को गंगा घाट पर ही खडा करके कल्पवास क्षेत्र में पानी से होकर जा रहे है। रास्ते में पानी हो जाने पर युवा और बच्चे आते जाते समय आनन्द भी ले रहे है और फोटो व शेल्फी खींच रहे है।
कल्पवास मेला के प्रमुख करूणा शंकर दास महराज ने बताया कि इस तरह का गंगा का जलस्तर बीते कई वर्षो में भी बढा था लेकिन कोई दिक्कत नही है। कहा कि अभी गंगा का जलस्तर नीचे है यदि और बढेगा तो दिक्कत हो सकती है। महराज ने प्रशासन के तरफ से की गई व्यवस्था पर खुशी जाहिर की खासकर जिलाधिकारी का विशेष आभार जताया। कहा कि एक फरवरी को मौनी अमावस्या का पर्व है। जिसके लिए सभी तैयारी पूरी है। रही बात गंगा के जलस्तर का तो यह तो कल्पवास है ही जहां पर लोग कुछ कष्ट झेलकर ही भक्ति करते है। यदि सुख ही लेना है तो लोग घर पर ही रहें। महराज ने सेमराधनाथ कल्पवास मेला के विस्तार के लिए स्थानीय लोगों का सहयोग का भी आह्वान किया तथा कहा कि जिस तरह अन्य धार्मिक स्थलों के लिए लोग वहां के स्थानीय लोग सक्रिय रहते है वैसे ही यहां के लोगो को भी और सक्रिय रहने की जरूरत है। कहा कि बीते 27 वर्ष से सेमराधनाथ में कल्पवास का आयोजन हो रहा है। जिसमें मेला समिति, प्रशासन और क्षेत्र के लोगो का सहयोग रहा है। आगामी स्नान पर्वों पर भी काफी लोगो के आने की संभावना है। गंगा के जलस्तर से केवल आवागमन को लेकर परेशानी है बाकी अन्य किसी तरह की परेशानी नही है। हालांकि महराज ने प्रशासन के कार्यो से काफी संतुष्ट दिखे।