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    क्या मीडिया से गायब है उन्नाव बलात्कार मामले का दूसरा पक्ष

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    भाजपा विधायक कुलदीप सिंह सेंगर

    उन्नाव में कथित सामूहिक बलात्कार की घटना जून 2017 में घटित हुई, लेकिन मामले ने तूल पकड़ा आठ अप्रैल 2018 को जब शिकायतकर्ता अनीता (बदला हुआ नाम) ने अपने परिवार की अन्य महिलाओं के साथ उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के आवास के सामने आत्मदाह की कोशिश की. इसके बाद देश के तमाम समाचार माध्यमों पर अपराध और उसके बाद के घटनाक्रम का पूरा विवरण उपलब्ध कराया गया. इसमें मौजूद टाइम लाइन के मुताबिक अनीता ने जून 2017 में भाजपा विधायक कुलदीप सिंह सेंगर पर बलात्कार का आरोप लगाया. सेंगर पिछले साल उन्नाव की बांगरमऊ सीट से चौथी बार विधायक चुने गये हैं।
    मीडिया में उन्नाव मामले का जो पक्ष अब तक सामने आया है, वह गांव माखी के लोगों से बातचीत करने पर और उनके पास मौजूद ऑडियो, वीडियो व अन्य कागज़ी दस्तावेजों को देखने-सुनने पर जो पक्ष सामने आता है, उससे बिलकुल अलग है. विधायक कुलदीप सेंगर और अनीता के घर माखी गांव के सराय मुहल्ले में एक-दूसरे से कुल 100 मीटर की दूरी पर स्थित हैं. गांव के लोगों के मुताबिक दोनों परिवारों में 15 साल पहले तक काफी नजदीकी थी. ‘लड़की के पिता तीन भाई थे. उनमें से एक की मौत करीब 15 साल पहले हो गई. उन दिनों विधायक जी राजनीति में नहीं थे. उस घटना के बाद इन परिवारों में दूरी आ गई’ माखी के निवासियों में से एक जयराम बताते हैं.

    दूसरा पक्ष

    यहां टाइमलाइन उस एफआइआर से शुरू होती है जो 20 जून 2017 को माखी थाने में दर्ज की गई. इस एफआईआर को अनीता की मां ने सुबह छह बजकर पांच मिनट पर माखी के ही निवासी शुभम और वसंठी के अवधेश तिवारी के खिलाफ दर्ज कराया था. इस रिपोर्ट में अनीता की मां के हवाले से लिखा गया कि अवधेश तिवारी शुभम की कार चलाता था और वह 11 जून 2017 की रात को ‘लगभग 17 वर्ष’ की अनीता को बहला-फुसलाकर अपने साथ ले गया था. उस समय शुभम उसके साथ था. इस रिपोर्ट में विधायक कुलदीप सिंह सेंगर का कोई ज़िक्र नहीं है. सत्याग्रह को यह एफआईआर शुभम के भाई नवीन चौहान से मिली है.

    अवधेश तिवारी और शुभम के खिलाफ दर्ज एएफआईआर का एक हिस्सा

    आरोपित शुभम के भाई नवीन चौहान इस बारे में बताते हैं कि अनीता नरेश (अवधेश तिवारी का ही दूसरा नाम) के साथ अपनी मर्ज़ी से गई थी. लेकिन 20 तारीख को उसके बरामद होने के बाद उसके चाचा कमलेश (बदला हुआ नाम) ने शुभम और उसके परिवार पर दबाव बनाया कि अनीता की शादी शुभम से करा दी जाये. यहां गौर करने वाली बात यह भी है कि शुभम और अनीता दोनों ठाकुर समुदाय से आते हैं. जब यह बातचीत चल रही थी उस समय इसी समुदाय से आने वाले विधायक सेंगर भी वहां मौजूद थे. ‘जब हम सब ने शुभम और अनीता की शादी से साफ इनकार कर दिया तो उसके चाचा ने धमकी दी कि हम शुभम पर ऐसा केस लगाएंगे कि वो कहीं का नहीं रहेगा’ नवीन चौहान कहते हैं.

    इस बरामदगी के बाद, तत्कालीन जांच अधिकारी अजय रजावत ने 21 जून 2017 को लिखे बरामदगी के दस्तावेज (फर्द बरामदगी) में भी कुलदीप सिंह सेंगर का कोई ज़िक्र नहीं किया है. उसी समय अनीता, उसके चाचा और पुलिस अधिकारी रजावत के बयानों के वीडियो भी स्थानीय लोगों के मोबाइलों पर काफी साझा किए गए. इन वीडियोज़ में तीनों कहते हैं कि नरेश और शुभम ने अनीता को बहला-फुसला कर साथ ले जाने के बाद उसके साथ बलात्कार किया और उसे 60,000 में औरैया के किसी यादव को बेच दिया. वीडियो में तीनों में से कोई विधायक का कोई ज़िक्र नहीं करता.
    इसके अलावा अनीता और नरेश के बीच फोन पर हुई बातचीत की कुछ ऑडियो रिकॉर्डिंग भी लोगों के बीच साझा होती रही हैं. इसमें से एक में कथित नरेश (अवधेश) कथित अनीता से पूछ रहा है कि वह कहां है. इस पर अनीता जवाब देती है कि ये उन दोनों की आखिरी बातचीत है और अब वो दूसरी दुनिया में जा रही है. नरेश बार-बार उससे उसकी लोकेशन यह कहते हुए पूछता है कि वह उसे लेने आ रहा है. बातचीत में शुभम और उसकी मां द्वारा नरेश को डांटे जाने का जिक्र भी होता है. क्लिप में अनीता अपने चाचा पर भी नाराज़ नज़र आती है. और यह समझना मुश्किल हो जाता है कि माजरा आखिर है क्या. (अनीता के साथ बलात्कार हुआ है या नहीं. हुआ है तो इसके अपराधी कौन हैं, यह न्यायालय तय करेगा. लेकिन उसके साथ ऐसा न होने की स्थिति में भी किसी भी कोण से सोचें वह एक बड़ी साज़िश की शिकार और पीड़िता के तौर पर ही हमारे सामने आती है.)

    क्या अनीता नाबालिग नहीं है?

    नवीन इसके बाद अनीता की उम्र की ओर हमारा ध्यान खींचते हैं. ध्यान रहे कि अनीता को नाबालिग बताकर सभी आरोपितों के खिलाफ पॉक्सो एक्ट (बच्‍चों की सुरक्षा के लिए यौन अपराध अधिनियम 2012) लगाया गया है. 21 जून 2017 को दर्ज हुई इस एफआइआर में अनीता की उम्र ‘लगभग 17 वर्ष’ बताई गई है. वीरेंद्र सिंह शिक्षा निकेतन इंटर कॉलेज, माखी उन्नाव के प्रधानाचार्य द्वारा हस्ताक्षरित जिस दस्तावेज को उसके परिवार ने उसके आयु प्रमाणपत्र के रूप में पेश किया गया है, उसके मुताबिक अनीता की उम्र जून 2017 में मात्र 15 वर्ष थी. साथ ही इस दस्तावेज में अनीता के पिता का नाम भी गलत दर्ज है. यह प्रमाणपत्र 21 जून 2017 को बनाया गया है. लेकिन बरामदगी के बाद कराए गए मेडिकल के दौरान हुए बोन एक्सरे में उसकी उम्र साढ़े उन्नीस साल साबित होती है. नवीन इन सभी दस्तावेजों की प्रतियां भी सत्याग्रह के साथ साझा करते हैं.

    नवीन आरोप लगाते हैं कि 15 जून से ही लड़की का चाचा कमलेश पुलिस अधिकारी अजय रजावत से संपर्क में था और उनके भाई को फंसाने का काम साज़िश के तहत किया गया ताकि उसके साथ लड़की की शादी कराई जा सके. नवीन कहते हैं, ‘उन दिनों की कमलेश और रजावत की कॉल डीटेल निकाली जाए तो स्थिति साफ हो जाएगी. अगर आप कमलेश की बैंक स्टेटमेंट निकलवा लें तो भी साफ हो जाएगा कि उसने कितना पैसा खर्च किया है.’ वे यह भी बताते हैं कि लड़की की बरामदगी के बाद उसका मेडिकल चेकअप कराने या फिर उस महिला थाने ले जाने के लिए भी सरकारी गाड़ी की जगह कमलेश की गाड़ी का इस्तेमाल किया गया था. वे बताते हैं कि छुट्टी होने के बावजूद महिला एवं बाल कल्याण केंद्र, उन्नाव को भी कमलेश के प्रभाव से खोला गया. ‘उस दिन आपको सिर्फ यही एक एंट्री मिलेगी.’ (नवीन के इन दावों को सत्याग्रह अलग से सत्यापित नहीं कर सका है.)

    नवीन अनीता के पिता और चाचा के अपराधिक इतिहास की बात करते हुए उन मुकदमों का भी ज़िक्र करते हैं जो पिछले 15 सालों में इन दोनों पर दर्ज हुए हैं. माखी थाने से पता चलता है कि साल 1996 से लेकर 2017 तक कमलेश पर कुल 14 आपराधिक मुकदमे दर्ज हैं, जबकि लड़की के मृतक पिता पर 28 मुकदमे दर्ज हैं. इनमें हत्या और हत्या के प्रयास जैसे मुकदमे भी शामिल हैं.

    नवीन आगे बताते हैं, ‘जब उन्हें लगा कि सिर्फ शुभम को घेरने से कुछ नहीं होगा तब उन्होंने मेरी मां और बहन को भी फंसाया. अपने 164 के (मजिस्ट्रेट के सामने पीड़ित द्वारा दिए जाने वाले) बयान में लड़की ने मेरी मां और बहन का ज़िक्र किया. और चार्जशीट दाखिल किए जाते समय जब मेरी मां और बहन का नाम मामले से दूर रखा गया तब 12 फरवरी 2018 को लड़की की मां ने कोर्ट में दरख्वास्त देकर विधायक पर भी आरोप लगा दिए.’ नवीन के मुताबिक ऐसा इसलिए किया गया क्योंकि कुलदीप सिंह सेंगर ने इस मामले में उनकी मदद की थी और दोनों परिवारों में पहले से अदावत भी थी.
    इस दरख्वास्त में अनीता की मां ने लिखा कि शुभम की मां शशि सिंह चार जून 2017 की रात उसकी नाबालिग बेटी को नौकरी का झांसा देकर कुलदीप सिंह के पास ले गई, जिसने उसकी बेटी के साथ बलात्कार किया. इस दरख्वास्त में न तो 60,000 में बेचने की बात थी न शुभम का कोई ज़िक्र. यह दरख्वास्त शशि सिंह और कुलदीप सिंह सेंगर के खिलाफ मुकदमा पंजीकृत करने के लिए थी.
    माखी के निवासी और व्यवसायी सलिल चौहान कहते हैं, ‘वो लोग जून की एफआइआर में कुछ बोल रहे थे, और अब पिछले दिनों से उनके सुर बदल गए हैं.’ वे उन पोस्टर्स का ज़िक्र करते हैं जो सितंबर में कमलेश ने गांव में बांटे थे. इन पोस्टर्स में विधायक सेंगर को जूतों की माला पहनाकर बलात्कारी के तौर पर पेश किया गया था. इसके अलावा नवीन वे चिट्ठियां भी साझा करते हैं जो लड़की के चाचा ने 28 नवंबर 2017 को अखिलेश यादव, राष्ट्रीय अध्यक्ष, समाजवादी पार्टी और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को लिखी थीं. इन चिट्ठियों में कमलेश ने विधायक कुलदीप सिंह द्वारा दलितों की ज़मीन हड़प करने की शिकायत की है.
    ‘साफ ज़ाहिर है कि कमलेश अपनी निजी रंज़िश में, विधायक के राजनीतिक विरोधियों की मदद लेकर बड़ा खेल खेलने की कोशिश कर रहा है. आप देखिए उस लड़की की दो छोटी बहनें अभी 15 दिन पहले तक विधायक के स्कूल में पढ़ने आ रही थीं. अगर विधायक ने गैंगरेप किया होता तो कोई अपनी लड़कियों को बलात्कार करने वाले के स्कूल में भेजता’ सलिल चौहान कहते हैं. जिस स्कूल का ज़िक्र सलिल कर रहे हैं वह विधायक कुलदीप सिंह के आवास के परिसर में ही बना हुआ है. सलिल व अन्य माखी निवासियों के अलावा गांव की कुरैशी बस्ती की कई महिलाएं भी आकर हमें कुछ ऐसी ही बातें बताती हैं.

    विधायक कुलदीप के समर्थन में अपनी बात रखतीं माखी गांव की कुरैशी बस्ती की महिलाएं | फोटो : प्रदीपिका सारस्वत

    18 मार्च 2018 को शुभम के भाई नवीन ने भी न्यायालय में आवेदन दिया है कि अनीता की मां बार बार बयान बदल कर मामले को भटकाने की कोशिश कर रही हैं. नवीन बताते हैं ‘मैंने भी दरख्वास्त दी है कि उनके खिलाफ भी केस को भटकाने का मामला दर्ज़ किया जाए. वो लोग मेरे पूरे परिवार को ग़लत तरीके से फंसा रहे हैं. मैंने प्रधानमंत्री से लेकर मुख्यमंत्री सब जगह चिट्ठियां लिखीं है, मगर अब तक कोई मदद नहीं मिली है.’
    फिलहाल 12 अप्रेल 2018 को नवीन और शुभम चौहान की मां शशि सिंह और कुलदीप सेंगर को आरोपित बनाते हुए उनके खिलाफ एफआइआर दर्ज़ की जा चुकी है. ये दोनों इस वक्त हिरासत में हैं और मामले की जांच सीबीआई द्वारा की जा रही है. सेंगर का भाई अतुल सिंह भी हिरासत में है. उस पर अनीता के पिता की हत्या का आरोप है. अनीता के पिता की मौत नौ अप्रेल को पुलिस हिरासत में हुई थी. उन्हें चार अप्रेल को आर्म्स एक्ट के तहत गिरफ्तार किया गया था. गिरफ्तारी के समय उनके शरीर पर चोटों के निशान थे.

    लेखक: प्रदीपिका सारस्वत. साभार:https://satyagrah.scroll.in

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