उत्तर के गुजरात में देखो, हाहाकार मचा है
उत्तर के गुजरात में देखो, हाहाकार मचा है। दोनों तरफ की जनता के, दिल में घाव धरा है।
मासूम बेचारी बच्ची का, जीवन बर्बाद किया...
बात हमारे पूर्वांचल की
बात हमारे पूर्वांचल की, जिसने उठाने की ठानी है।
हरि के रूप "हरिश सिंह" का ना ही कोई शानी है।
उड़ान ए हौसले की, परवाज़ कभी...
आशीर्वचन-हौसलों की उड़ान
आशीर्वचन-हौसलों की उड़ान
हरीश जी निश्चिन्त होकर, कर्म तुम करते रहो ।
पूर्वांचल की डगर पर, बिन डिगे बढ़ते रहो ।
अरुण से चमकोअनुज, शुभकामना 'देवराज' की,
झुक...
हौसलों की उड़ान
जब भी तुम्हारा हौसला आसमान में जायेगा।
होशियार रहना कोई पंख काटने जरूर आयेगा।
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इन्क़लाब,,, ज़िन्दाबाद
इन्क़लाब,,, ज़िन्दाबाद
इन्क़लाब की बलिवेदी पर,
बिस्मिल बम बम बोला था ।
देख बसंती चोला जब,
अंगरेजी शासन डोला था ।
निकल पड़े जब सरफरोश,
सीने पर गोली खाने को...
तिरछी नज़र …. बड़ी बड़ी कड़ाहियों में
बड़ी बड़ी कड़ाहियों में छोटे छोटे चम्मच,
छिछोरी अदा के साथ यूँ मचल रहे हैं ।
राजनैतिक बाप ने पकड़ा दी है लॉलीपॉप,
बचकाने बन बन्दर से...
दिल को खटके …. ज़रा हटके
नादान शब्दावली, दिलमय ऐ स्वार्थ
आत्मकपट त्याग, जीवनमय यथार्थ
जीवनमय यथार्थ, ज्वलंत तो कीजिए
गुरुकुल पथमय, स्वाभिमान लीजिए
'बहुरुपीय' मौन, संस्कारी हो खानदान
शिक्षा-संस्कार, पथिक न मिलें नादान
एस, टी,...
ज्वलंत मुद्दा: नारी कोई देह नहीं, यदि कपड़े छोटे हैं तो सोच छोटी है!
आज टीवी पर एक विज्ञापन देखा कि कपड़े छोटे नहीं होते सोच छोटी होती है, मैं भी कहती हूँ कि कपड़ें मत बदलो, समाज...
… तो टूटेगी हिन्दुत्व के एकता की परिकल्पना
केन्द्र सरकार के गले की फांस बना एससी/एसटी
संशोधन बिल की प्रक्रिया के पश्चात छिड़ी आन्दोलन की जंग आर.एस.एस. के हिन्दुत्व एकता की परिकल्पना के...
मैं कहां तुम पर कविता लिख सकती हूँ,
मैं कहां तुम पर कविता लिख सकती हूँ,
कोइ कविता कहाँ समा पायेगी तुम्हारे निष्छल सौंदर्य में,
मैं तो कविता लिखती हूँ, दूर गगन में बैठे...