शिक्षक ही है भारत का सच्चा निर्माता
भारत में आदिकाल से गुरूओं का स्थान पूज्यनीय रहा है और आज भी है, लेकिन पहले जैसी श्रद्धा भक्ति नहीं है। गुरू ही तो...
व्यंगबाण – दल बदलू जी!
पूड़ी पैकेट बांट बांट कर, नेता हैं परेशान।
रखे किसका खाए किसका, जनता सोच हैरान।
जनता सोच हैरान, करूं क्या भाई?
बार-बार अंबर को देखे, कौन सी...
व्यंग बाण … डॉक्टर… झोलाछाप डॉक्टर
"यम" भगवान के अवतार "झोलाछाप डॉक्टर"
सच में डाक्टर "यम" भगवान, बुखार चढ़ा था जब परवान।
हीत मीत सब ले दे कर के, पहुंच गए मंदिर...
वह छोटी सी बच्ची
कोमल मन और शांत सा चेहरा
कुछ सकुचाता, शर्माता चेहरा ।
भगवान को मानने वाली और भावुक भी थी ,
अच्छा सीखने वाली और खूब खेलने...
” मैं बेटी हूँ मैं ” बेटी सूरज के समान प्रकाशीत बनूंगी ।
" मैं बेटी हूँ मैं " बेटी सूरज के समान प्रकाशीत बनूंगी ।
" मैं बेटी हूँ मैं " बेटी हर तनहाई से लडूंगी ।
" मैं बेटी हूँ...
आज का गाँव परदेशी की नजर से
मैं और मेरा गाँव अतीत के आईने से
गाँव की गलियों और बगीचों में
खेत में, खलिहानों में खाली पड़े मैदानों में ,
खेलते कूदते अटखेलियां करते...
संगीत साहित्य मंच की काव्यसंध्या हुई काव्यमय
ठाणे : संयोजक श्री रामजीत गुप्ता द्वारा संचालित संगीत साहित्य मंच की मासिक काव्य गोष्ठी तारीख 08 दिसंबर 2018 शनिवार सांय श्री मुन्ना बिष्ट जी...
निजी क्षेत्र के कर्मचारियों का शोषण आखिर कब तक
रिपोर्ट: राधेश्याम यादव
दैनिक जीवन में बढ रही महंगाई को सेठ और नौकर सभी कोसते रहते हैं और त्रासदी का रोना रहते हैं। क्या कोई...
जनता की है अभिलाषा
बिन चहर दिवारी क विद्यालय, जोहत बाटइ राह हो।
क्षेत्र का लड़िके करत बाटेन, मुम्बई क नाम हो।
हे जनता के प्रतिनिधि कर दो, कुछ तो...
भारत की साहित्य परम्परा पर संगोष्ठी व सजी कवियों की महफ़िल
ठाणे
भारतीय जन भाषा प्रचार समिति ठाणे (बहुभाषी काव्य गोष्ठी) एवं अखिल भारतीय साहित्य परिषद के संयुक्त तत्वावधान में मुन्ना विष्ट कार्यालय सिडको बस स्टॉप...