पं.शिवप्रकाश जौनपुरी नाथद्वारा में “काव्य कुसुम” से सम्मानित
साहित्यिक, सांस्कृतिक, सामाजिक संस्था काव्यसृजन के संस्थापक पंडित शिवप्रकाश जौनपुरी नाथद्वारा साहित्य मंडल राजस्थान द्वारा काव्य कुसुम सम्मान से सम्मानित किये गये। यह आयोजन...
अम्बेडकर ने मूल मनुस्मृति को स्वीकार किया था-स्वामी यज्ञदेव
वैदिक दर्शन प्रतिष्ठान द्वारा आयोजित पुस्तक विमोचन समारोह में नारायण प्रकाशन वाराणसी से प्रकाशित गीत संग्रह 'तुम जलाना दीप बाती' का लोकार्पण किया गया।...
माँ– एक तस्वीर सी- हेमलता मिश्रा मानवी
नानी कहती थी माँ बड़ी खूबसूरत थी, तस्वीर सी। कहाँ जानती थी बेचारी कि उसकी सुगढ़ सलोनी बिटिया धीरे-धीरे मूक तस्वीर में ढल रही...
भारतीय साहित्य सेवा परिषद” की चतुर्थ मासिक काव्य गोष्ठी संपन्न
ठाणे। "भारतीय साहित्य सेवा परिषद" द्वारा आयोजित मासिक काव्य गोष्ठी माह के द्वितीय शनिवार दिनांक 14/12/2019 को मुन्ना बिष्ट कार्यालय, नियर सिडको बस स्टाप,...
पालम नई दिल्ली में काव्यसृजन महिला मंच की हुई काव्यगोष्ठी
दिल्ली। "काव्य सृजन महिला मंच" एक प्रतिष्ठित साहित्यिक-सामाजिक-सांस्कृतिक संस्था द्वारा दिनांक 30.11.2019 को शाम 5:00 बजे, भगतचंद्र हॉस्पिटल के कांफ्रेंस हॉल, पालम, द्वारका नई...
काव्यसृजन साहित्यिक संस्था की ७९ वीं गोष्ठी के साथ हुआ पुस्तक लोकार्पण
मुम्बई। राष्ट्रीय साहित्यिक सामाजिक व सांस्कृतिक संस्था काव्यसृजन की ७९वीं मासिक काव्यगोष्ठी रविवार 3 नवम्बर 2019 को श्रीकृष्णा ट्यूटोरियल जैसलपार्क भाइंदर ईस्ट मुम्बई में...
आओ एक संकल्प करें
सदाशिव चतुर्वेदी "मधुर"
सब मिल अबकी बार दिवाली, आओ एक संकल्प करें।।
ज्ञानदीप,प्रज्वलित करें,
अज्ञान तिमिर को दूर करें।
स्वार्थभाव को त्याग के मन से,
परहित हम निःस्वार्थ करें।।
भेदभाव...
क्या तुम लौटा सकते हो
सुनो........
क्या तुम लौटा सकते हो
मेरा चाँद
तुम्हारे लिए
जो कभी चिढ़ाता था मुझे
बादलों की ओट से छिपकर
वह नीला आसमान
लौटा सकते हो
जिसके नीचे हमदोनों
साथ बैठकर
अपने सपनों में...
दीपावली की मंगल बेला पर विलेपार्ले में सजी कवियों की काव्य संध्या
मुंबई । साहित्यिक संस्था काव्यकुंज की १११४वीं काव्यगोष्ठी दिनांक 27 अक्टूबर 2019 को पं. शिवप्रकाश जौनपुरी के मार्गदर्शन,श्रीमती संगीता अमलाडी जी(पूर्व उप प्रबंधक रिजर्व...
हाँ, तुम भी राम हो-हेमलता मिश्र “मानवी
कौन कहता है कि तुम राम नहीं हो - -
क्या सिर्फ़ इसलिए कि नहीं गये हो वनवास
चौदह वर्ष के लिए, पिता की आज्ञा पर।
या...