होली की बदलता स्वरूप-आभा दवे

आज वक्त के अनुसार होली का स्वरुप भी बदल रहा है । आज होली दहन में वो बात नहीं है जो पहले हुआ करती...
हमार पूर्वांचल

क्या गंगा पर राजनीति होनी चाहिए

जहां गंगा धर्म, संस्कृति और आस्था की प्रतीक मानी जाती है, वही गंगा पुत्र कहे जाने वाले मशहूर पर्यावरणविद जी डी अग्रवाल आईआईटी कानपुर...

वेब सीरीज में हो सेंसर बोर्ड की दखलंदाजी, नहीं तो भारत अपनी संस्कृति एवं...

कोराना महामारी के बाद देश में जब लॉकडाउन हुआ तो उसका असर फिल्मों पर भी पड़ा। सिनेमा हाल बंद होने के कारण फिल्म निर्माताओं...
हमार पूर्वांचल

प्रउत (प्रगतिशील उपयोग तत्त्व) दर्शन की आवश्यकता क्यों ?

सभी प्राणी एक कोशिकीय प्राण देह धारी अग्रसर चित्त से लेकर बोधि संपन्न मानव तक सभी सुख की तरफ चल रहे हैं। जब सुखानुकुल...

अनचाहा स्वप्न

आज 15 अप्रैल है, लॉक डाउन खुल चुका है। विभिन्न स्थानों पर फँसे हुए लोग अपने-अपने घर जाने की होड़ में लगे हैं। इतने...
हमार पूर्वांचल

मन की बात

रविन्द्र सिंह के मन की बात: 2019 के लोकसभा चुनाव का माहौल बन चुका है। सारे वादे और इरादे, साहेब और शहजादे चुनावी रंग से...

संगठन अपनी जगह एवं राजनैतिक दल अपनी जगह-हरिकेश शर्मा नंदवंशी

आज हम लोग संगठन क्यों बनाते हैं उसका कारण आम नागरिकों को पता है या नहीं है यह मुझे मालूम नहीं है कोई भी...
patrkar vijay singh

मन की बात: मानवता आज भी जिन्दा है

आशा और उम्मीद! ये दोनों शब्द एक दूसरों के पर्यायवाची हैं। भरोसा और इच्छा भी। जब कहीं कोई अप्रिय घटना होती है या हम...

होली का बदलता हुआ स्वरुप – रजनी साहू

पर्वों की परम्पराएँ सदियों से हमारे देश में चली आ रही हैं ।ये हमारी संस्कृति की पहचान है, जो शालीनता से सद्भावना और आपस...

जीवन में विपश्यना की अनिवार्यता और सत्यनारायण गोयनका की भूमिका- चंद्रवीर यादव

आज हम जिस दुनिया में जी रहे हैं। उस दुनिया में विपश्यना उसी प्रकार से जरूरी है जिस प्रकार से प्यासे के लिए पानी।...