जीवन में विपश्यना की अनिवार्यता और सत्यनारायण गोयनका की भूमिका- चंद्रवीर यादव
आज हम जिस दुनिया में जी रहे हैं। उस दुनिया में विपश्यना उसी प्रकार से जरूरी है जिस प्रकार से प्यासे के लिए पानी।...
भारत के इतिहास का स्वर्णयुग की आधारशिला नंदों ने रखी थी- डाॅ• गिरीश कुमार...
सैन समाज के साहित्यकार, इतिहासकार, हिंदी भाषा के महान कवि परम आदरणीय कवि डाॅक्टर गिरीश कुमार वर्मा सब के प्रणेता द्वारा नन्द वंश के...
होली के त्योहार का बदलता स्वरूप- मृदुला मिश्रा
होली! अगर अपने शब्दों में कहूं तो अपादमस्तक बदल गयी है यानी इसका ग्रामीण चोला उतर गया है और शहरीकरण हो गया है। पहले...
अब त्योहार आये और गये जैसे हो गये – अर्चना पांडे
पिछले करीब पन्द्रह बीस सालो में बहुत तेजी से बदलाव आया है , तो जाहिर सी बात है त्यौहारों पर भी इसका असर पडा...
जहां से बनती है,देश के आर्थिक दशा। हर मानसून मे हो जाती है,उसकी दुर्दशा...
मुम्बई: मनपा की लापरवाही के कारण हर साल मॉनसून में देश के सबसे बड़े आर्थिक दशा को बनाए रखने वाली मुंबई की हर साल...
लॉक डाउन में मजबूत करें रिश्तों की डोर
आज-कल के व्यस्ततम जीवन में रिश्तों को निभाना महज एक औपचारिकता सी बन गयी है। चाहे वह अपने परिवार के रिश्ते हों या अपने...
मन की बात: आखिर क्यों गिर रहा राजनीति का स्तर
मुम्बई से आनन्द पाण्डेय
वोट की राजनीति का स्तर इतना गिरता जा रहा है कि क्षेत्रीय पार्टी सपा, ममता बनर्जी, कांग्रेस, सी.पी.एम., घुसपैठियों का स्वागत...
बीएमसी स्कूली शिक्षा है सर्वश्रेष्ठ- चंद्रवीर वंशीधर यादव
बृहन्मुंबई मनपा द्वारा संचालित सभी अनुदानित और गैर अनुदानित स्कूलों के सभी माध्यम के शिक्षकों के कठोर परिश्रम की जितनी प्रशंसा की जाए उतनी...
मन की बात-समाज हित की बात – सैन मांगीलाल गोठाडिया
कल मैंने करीब चार महीने पुरानी पोस्ट केशकला बोर्ड के विषय मे क्या डाली सबको लगने लगा कि मैं खुद बोर्ड अध्यक्ष बनना चाहता हू।...