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सात राजस्व गांवों की ज़मीन पर बनने वाले रनवे से उड़ान भरेंगे वायुयान 

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अयोध्या। श्रीराम एयरपोर्ट के दूसरे चरण के विस्तारीकरण में करीब तीन सौ एकड़ से अधिक भूमि किसानों से ली जानी है।लगभग 15 हेक्टेयर भूमि इसमें ग्राम समाज की है जो किसानों से अलग है। दूसरे चरण में ली जाने वाली भूमि की पैमाइश में जिन सात गांव के किसान शामिल हैं,उनमें से तीन जनौरा, गंजा व धर्मपुरसआदत पहले चरण के हैं। पूराहुसैन खां, फिरोजपुर, कुशमाहा व सरेठी इनमें और जुड़े हैं। इन गांवों के किसानों की ली जाने वाली भूमि पर निर्मित होने वाले रनवे से वायुयानों को उड़ान भरनी है। प्रस्तावित रनवे की भूमि पर कुछ आबादी के चपेट में आने की सुगबुगाहट तेज है। 600 एकड़ भूमि विस्तारीकरण के दूसरे चरण को मिलाकर हो जाएगी। पहले चरण की 261 एकड़ किसानों की व 14 एकड़ ग्राम समाज की इसमें शामिल है।

तहसीलदार विजय प्रताप सिंह के अनुसार तीन गांव पहले चरण के व चार राजस्व गांव दूसरे चरण के विस्तारीकरण में आ रहे हैं। एयरपोर्ट के लिए प्रस्तावित भूमि की पैमाइश जारी है। एयरपोर्ट के विस्तारीकरण के दूसरे चरण में भी धर्मपुर सआदत के किसानों की करीब 70 एकड़ भूमि प्रस्तावित होने की चर्चा वहां के किसानों की जुबान पर है। पहले चरण की 48 एकड़ भूमि उससे अलग है। इसी धर्मपुर सआदत के किसान जनौरा के मुकाबले मुआवजा कम होने से सहमति के आधार पर भूमि रजिस्ट्री करने को तैयार नहीं हैं। जनौरा के सर्किल रेट की तरह वह मुआवजा चाहते हैं। ऐसे में पहले से दूसरे चरण का क्षेत्रफल और बढ़ने से बिना मुआवजा में बढ़ोतरी के एयरपोर्ट के लिए भूमि रजिस्ट्री की राह आसान नहीं लगती।

समाजवादी पार्टी व कांग्रेस का समर्थन उनके आंदोलन को मिल जाने से प्रशासनिक अधिकारी भी ऐसे नए रास्ते की तलाश में हैं, जिससे धर्मपुर सआदत के किसानों को एयरपोर्ट में प्रस्तावित भूमि की रजिस्ट्री करने के लिए राजी किया जा सके। पहले चरण के लिए चिह्नित किसानों की भूमि की अभी शतप्रतिशत रजिस्ट्री नहीं हो सकी है। वहीं धर्मपुर सआदत के किसान कम मुआवजा मिलने के विरोध में रजिस्ट्री न करने पर अड़े हैं।

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