ज्वाइंट पुलिस आयुक्त डॉ बीनू सिंह ने लखनऊ में की गिरफ्तारी
कुमारगंज, अयोध्या। जनपद के एक छोटे से गांव से निकल कर देश के विभिन्न स्थानों से ५०० करोड़ की ठगी के मामले में लखनऊ पुलिस को बड़ी सफलता मिली है । पोंजी कंपनी अनी बुलियन के संचालक अजीत गुप्ता को कैंट की एसीपी (ज्वाइंट पुलिस आयुक्त) डॉ बीनू सिंह ने की गिरफ्तार किया है। उक्त अभियुक्त के ख़िलाफ़ सुल्तानपुर के नगर कोतवाली, बल्दीराय व अयोध्या के कुमारगंज में मुकदमे दर्ज हैं । एस पी शिव हरी मीणा ने बताया कि आधिकारिक जानकारी होने के बाद ही इस मामले में पुलिस शामिल अभियुक्तों को रिमांड पर लेगी । यदि वह गिरफ्तार किया गया है तो सुल्तानपुर के नगर कोतवाली पुलिस और बल्दीराय थाने के विवेचक अभियुक्त को रिमांड में लेंगे।
इस मामले में जो भी होंगे उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी । बताते चलें कि पकड़ा गया अभियुक्त आईएफएस अधिकारी निहारिका सिंह का पति है जो जमा पैसे पर ग्राहकों को ४०% ब्याज देने का झांसा देकर करोड़ों लेकर भाग गया । यह अली बुलियन कम्पनी विदेश में सैर कराने का भी सैकड़ों ग्राहकों को ऑफर देकर फंसा ली थी। यूपी में कोरोड़ों रुपये की ठगी करने वाले अनी बुलियन के एमडी अजीत गुप्ता को यूपी एसटीएफ ने लखनऊ से गिरफ्तार कर लिया है । उसके खिलाफ अयोध्या, लखनऊ समेत प्रदेश के कई जिलों में एफआईआर दर्ज कराई जा चुकी है। अयोध्या जनपद के खण्डासा थाना क्षेत्र के ताल ढोली गाँव का मूल निवासी है।
सुल्तानपुर जिले में अजीत गुप्ता की कंपनी ने किसानों से करीब ४० करोड़ रुपये की ठगी की है । किसानों के अनुसार जिले में करोड़ों रुपये की ठगी की घटना को अंजाम देने वाली अनी बुलियन कंपनी के एमडी अजीत गुप्ता की पत्नी निहारिका सिंह भारत की विदेश सेवा में तैनात है। जाहिर तौर पर उसकी बड़े राजनेताओं के साथ मुलाकात भी होती रहती थी । इनकी तमाम फोटो अजीत गुप्ता के पास थी। अजीत गुप्ता ने इसका भरपूर फायदा उठाया। प्रदेश के कई जिलों में खुले कंपनी के दफ्तरों में बाकायदा राजनेताओं के साथ पत्नी की फोटो लगाई गई थी। जब भी कंपनी की ओर से कार्यक्रम आयोजित किया जाता तो अजीत गुप्ता की पत्नी निहारिका भी कार्यक्रम में मौजूद रहती थी। किसान इसी रसूख के झांसे में आकर अपना सब कुछ गवां बैठे। एक अनुमान के मुताबिक कंपनी में करीब पांच सौ करोड़ रुपये का किसानों के साथ ही आम लोगों ने निवेश किया था। जब लोगों ने कंपनी से अपने पैसे मांगने शुरू किए तो एक के बाद एक दफ्तर बंद होने लगे।