अमानीगंज-अयोध्या : अखिल भारतीय चाणक्य परिषद के तत्वावधान में संत भीखादास जी की तपोस्थली मोहली में ब्राम्हण सम्मेलन का आयोजन हुआ। सम्मेलन की अध्यक्षता राममिलन मिश्र ने तथा संचालन बंसीधर द्विवेदी ने किया। कार्यक्रम का शुभारम्भ आचार्य चाणक्य के चित्र पर माल्यार्पण कर तथा दीप प्रज्जवलित कर किया गया।
सम्मेलन में अखिल भारतीय चाणक्य परिषद की चौदह सदस्यीय अमानीगंज ब्लॉक इकाई का सर्वसम्मति से गठन किया गया। अखिल भारतीय चाणक्य परिषद के राष्ट्रीय संरक्षक रामानुज तिवारी ने अपने उद्बोधन में विधायक इन्द्र प्रताप तिवारी ‘खब्बू’ के ऊपर दर्ज हुए मुकदमे की तरफ इंगित करते हुए कहा कि ब्राम्हण समाज का जब भी उत्पीड़न होगा तो चाणक्य परिषद हर आवश्यक कदम उठाने के लिए तैयार रहेगी। प्रदेश अध्यक्ष दिनेशकांत पाण्डेय ने ब्राम्हणों से चाणक्य का चरित्र पढ़ने का अनुरोध किया, उन्होने कहा कि आचार्य चाणक्य के बताये रास्ते पर चलने वाला कोई भी ब्राम्हण कदापि कमजोर नहीं हो सकता।
समाजसेवी भवानीफेर मिश्र ने राजनैतिक दलों द्वारा बाम्हणों की उपेक्षा का जिक्र करते हुए कहा कि राजनैतिक दल वोट लेकर ब्राम्हण समाज की उपेक्षा करते हैं। ब्राम्हण संगठित नहीं रहेगा तो हमेशा उपेक्षित होता रहेगा। अरविन्द पाण्डेय, लल्लू तिवारी सहित अन्य सभी वक्ताओं ने ब्राम्हण समाज की एकजुटता पर बल दिया और उनकी पीड़ा और उत्पीडन पर हर संभव मदद का चाणक्य परिषद की तरफ से आश्वासन भी दिया।
कार्यकारिणी की बैठक में परिषद के स्थापना दिवस १४ जनवरी मकर संक्रांति के अवसर पर सूर्यकुंड दर्शन नगर में रजत जयंती वर्ष के रूप में मनाए जाने का निर्णय लिया गया। स्थापना दिवस मनाए जाने के विषय में ब्राह्मण बंधुओं को न्योता देकर भारी संख्या में पहुंचने का आह्वान भी परिषद द्वारा किया गया। परिषद द्वारा बताया गया कि रजत जयंती समारोह में कई देशों के ब्राह्मण शामिल होंगे। ब्लाक अध्यक्ष दुर्गा प्रसाद मिश्र ने सभी अतिथियों का स्वागत किया।
सम्मेलन में राष्ट्रीय संरक्षक रामानुज तिवारी, राष्ट्रीय महामंत्री महन्त यादवेश्वरदत्त मिश्र, प्रदेश अध्यक्ष दिनेशकांत पाण्डेय, प्रदेश महामंत्री घनश्याम त्रिपाठी, संगठन महामंत्री रामनयन त्रिपाठी, जिला महामंत्री कप्तान तिवारी, जिला अध्यक्ष अयोध्या राकेश पाठक, राष्ट्रीय कार्यसमिति सदस्य शीतला बाजपेई, भवानीफेर मिश्र, अरविन्द पाण्डेय, संजय तिवारी, विजय पाण्डेय, बब्बन शुक्ला, अम्बरीष मिश्र, काशीराम पाण्डेय, कृपाशंकर मिश्र, आद्याकांत तिवारी, शिवकुमार पाठक, अजय पाण्डेय, जितेन्द्र शुक्ला, अमरनाथ शुक्ला, मोहित दुबे, नरेन्द्र तिवारी, वासुदेव शुक्ला, दीनानाथ मिश्र, हरिकृष्ण दूबे, शैलेष तिवारी, संतोष शुक्ला, रामबाबू तिवारी, दीपक शुक्ला, विद्याधर मिश्र, संदीप मिश्र व केदारनाथ दुबे सहित भारी संख्या में क्षेत्रीय ब्राम्हण उपस्थित रहे।