अयोध्या। रामनगरी में तड़के से ही भोले के प्रति अनुराग उमड़ा। कोरोना संक्रमण के चलते इस बार गैरिकवसनी कांवड़िए थे न सुदूर क्षेत्रों से उमड़ने वाले आम शिवभक्तों का सैलाब। इसके बावजूद भोले की भक्ति में कोई कमी नहीं थी। सावन शुक्ल पंचमी की दस्तक के साथ श्रद्धालुओं ने नए सिरे से अंगड़ाई ली। शुरुआत सरयू स्नान से हुई।
संत तुलसीदासघाट, लक्ष्मणघाट सहित कई अन्य घाटों पर सरयू स्नान का सिलसिला देर तक देखने को मिला। सरयू स्नान के बाद श्रद्धालुओं ने पौराणिक महत्व की पीठ नागेश्वरनाथ की ओर रुख किया। हर बार श्रद्धालुओं का गहन प्रवाह प्रशासनिक अधिकारियों एवं पुलिस के जवानों की परीक्षा लेता रहा, तो इस बार पुलिस एवं प्रशासनिक अमला निश्चित था। उसकी प्राथमिकता यह सुनिश्चित करने में थी कि भीड़ न बढ़ने पाये। एक अन्य पौराणिक पीठ क्षीरेश्वरनाथ भी श्रद्धालुओं की आस्था के केंद्र में थी। यहां भी तड़के से भक्तों जुटे, पर यह पूर्व के वर्षों के मुकाबले नगण्य थी। लोग कोरोना को ईश्वरीय विधान मानकर बचाव के उपाय अख्तियार करने और शारीरिक दूरी बनाये रखने में ही भलाई समझी।