तिरछी नज़र….
पावन सलिला सरयू के तट पर बसी पौराणिक नगरी अयोध्या कभी मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्री राम की मर्यादा तो कभी विक्रमादित्य की न्यायप्रियता तो कभी मुगल आक्रान्ता बाबर की बाबरी क्रिया तो कभी रामलला की जन्मभूमि को लेकर भारतीय राजनीति एवं न्यायपालिका के कूटनैतिक चक्रव्यूह की गवाह रही है। पिछले आम चुनाव में गुजरात के गोधरा से प्रखर हिन्दुत्व के ज्वलन्त मुद्दों को लेकर चले नरेन्द्र मोदी ने भारतीय राजनीति में भूचाल ला दिया था। परिणामतः मोदी लहर में तमाम ऐरे गैरे नत्थू खैरे भी उग्र हिन्दुत्व के मुद्दे पर प्रचण्ड मोदी लहर में सांसद/विधायक बन बैठे थे और नरेन्द्र मोदी दिल्ली के सिंहासन पर विराजमान हो गये थे।
अयोध्या ( फैज़ाबाद ) लोकसभा क्षेत्र से भाजपा के वर्तमान सांसद लल्लू सिंह मात्र मोदी के कार्य एवं राम के भरोसे राम नगरी से भारतीय जनता पार्टी का परचम लेकर पुनः सांसद बनने का सपना संजोये चुनाव मैदान में हैं जो तथाकथित वोटों के ठेकेदारों के दम पर अपनी जीत को सुनिश्चित मानकर निश्चिन्त हैं और भले ही पांच साल क्षेत्र में न दिखे हों पर अब अपने प्रिय चाटुकारों के घेरे में गांव गांव नज़र आने लगे हैं। एक ओर देश की जनता जहां मोदी द्वारा किये गए देश हित के कार्यों की मुक्त कण्ठ से सराहना कर रही है तो दूसरी तरफ सवर्ण मतदाता एससीएसटी के भयावह दंश को अभी भूले नहीं हैं। एवं प्रत्याशी जी भी जातिगत समीकरणों के दुष्चक्र में फंसे नज़र आ रहे हैं। तो दूसरी तरफ़ अपनी स्वच्छ छवि के मालिक निर्मल खत्री कांग्रेस पार्टी के वैनर तले संसद भवन तक पहुचने का मार्ग ढूँढ़ रहे हैं।
हालांकि कान्ग्रेस पार्टी के युवराज जो भारत के प्रधानमन्त्री बनना चाहते हैं, अपने बचकाने क्रियाकलापों से नित्य ही चर्चा में बने रहने का पराक्रम दिखाते फिर रहे हैं और कान्ग्रेस पार्टी आज़ के हिन्दुस्थान में अपने अस्तित्व के लिए जूझती नज़र आ रही है अब ऐसे निर्मल खत्री जी कितना सफल होंगे यह तो समय ही निर्धारित करेगा।
महागठबन्धन से समाजवादी पार्टी के आनन्द सेन यादव चुनाव मैदान में हैं जो फैज़ाबाद के धुरन्धर एवं आम जनता में अपनी अलग पैठ रखने वाले दिवंगत नेता मित्रसेन यादव के पुत्र हैं । आनन्द सेन पर यूँ तो कई आपराधिक केस दर्ज हैं पर राजनीति तो राजनीति है । समाजवादी पार्टी अपनी कौम विशेष राजनीति के लिए भी जानी जाती है । मुलायम सिंह यादव एवं आज़म खान की नेतागीरी और बिगड़े बोल किसी से छिपे नहीं हैं। फिलहाल आनन्द सेन यादव सांसद बनना चाहते हैं। अयोध्या ( फैज़ाबाद ) से विजय शंकर पाण्डेय सहित फ़िलहाल तेरह उम्मीदवार चुनाव मैदान में अपना भाग्य आजमा रहे हैं।
जनपद के सुप्रसिद्ध समाजसेवी राजन पाण्डेय जो आम जनता के दुःख दर्द में सदैव साथ खड़े नज़र आते हैं अपनी बेदाग छवि एवं समाजसेवा के दम पर क्षेत्र से सांसद बनकर जनता की सेवा करने का जज्बा लिए चुनाव मैदान में नज़र आ रहे हैं। राजन पाण्डेय धीरे धीरे जनता के दिलो दिमाग पर भी छाते जा रहे हैं। अब अयोध्या ( फैज़ाबाद ) की जागरूक जनता भी जाग रही है और अपने बीच से ही किसी अपने/सर्वमान्य समाज सेवक को अपना सांसद चुनने के मूड में है।
इन सबके बीच एक बात तो तय है कि इस बार दुराग्रही तथाकथित वोटों के ठेकेदारों/चाटुकारों को क्षेत्र की जागरूक जनता इस बार करारा सबक सिखाकर उन्हें उनकी असली औकात दिखाने को आतुर नज़र आ रही है।
लोकतन्त्र के इस सियासी महासमर में अयोध्या अब बार-बार हारना नहीं चाहती, हिन्दुस्थान भी हारना नहीं चाहता। अयोध्या एवं हिन्दुस्थान के दर्द को जनता भलीभांति समझ रही है और समय पर समय के लिए उचित निर्णय भी लेगी।