बिना भक्तों के मन्दिरों में भगवान झूलेंगे झूला
अयोध्या, उत्तर प्रदेश। राम नगरी अयोध्या में 6 जुलाई से प्रारंभ हो रहे सावन माह में पड़ने वाले कावड़ यात्रा व सावन झूला मेला को स्थगित कर दिया गया है। और एक बार फिर अयोध्या में श्रद्धालुओं के प्रवेश पर रोक लग सकती है। जिसके लिए अयोध्या जनपद के सभी प्रवेश मार्ग पर बड़ी संख्या में सुरक्षा बलों को तैनात किया गया है। जिसको लेकर अयोध्या कि संतों ने चिंता व्यक्त किया है।
कोरोना के कारण पूर्व में भगवान श्री राम के जन्म उत्सव पर आयोजित होने वाले रामनवमी मेला के बाद अब कांवड़ यात्रा व सावन झूला मेला को स्थगित कर दिया गया है जिसके तहत जल्द ही अयोध्या को सील कर दिया जाएगा जिससे बड़ी संख्या में श्रद्धालु अयोध्या न पहुंच सकें। जिसकी तैयारी शुरू कर दी गई है। अयोध्या की प्रमुख मंदिरों के संत महंतों से मुलाकात कर समिति ले ली है। जिला प्रशासन के मुताबिक जनपद अयोध्या में पारम्परिक रूप से प्रान्तीयकृत श्रावण झूला मेला का भी आयोजन होता है, जिसमें मणि पर्वत पर प्रमुख मंदिरों के भगवान जी विग्रहों को अपने-अपने मंदिर से लेकर संत/पुजारीगण झूलनोत्सव कार्यक्रम में सम्मिलित होते है जिसमें काफी संख्या में श्रद्धालु दर्शन हेतु आते है।
इस वर्ष वैश्विक महामारी कोविड-19 के संक्रमण से बचाव हेतु यह आवश्यक है कि कांवड़ यात्रा व श्रावण झूला मेला स्थगित रहे जिससे कोविड-19 के संक्रमण के फैलाव से बचा जा सके। वहीं अयोध्या के संतो ने चिंता प्रकट की है। उनके मुुताबिक मंदिरों की आय श्रद्धालुओं के भरोशे होता है। ऐसे में पहले राम नवमी मेला को स्थगित किया जा चुका अब सावन मेला स्थगित करने से मंदिरों की स्थिति सही नही होगी।
महंत कमल नयन दास ने कहा कि अयोध्या में चारों तरफ मंदिर है। श्रद्धालुओं के आने से मंदिरों का खर्चा चलता है लेकिन कोरोना बीमारी से लोगो को बचाया जा सके इसके लिए भीड़ भाड़ होने रोकने के लिए जिला प्रशासन ने रोक लगाई है। इसके लिए जल्द से जल्द अयोध्या को सील कर दिया जाएगा। और इस बार मणि पर्वत पर भी भगवान का झूलनोत्सव का आयोजन नही हो सकेगा।