रुदौली, अयोध्या। दहेज को लेकर और पहली बहू को प्रताड़ित करने वाले परिवार से आई दहेज लोभियों की बारात को थाना पटरंगा क्षेत्र के मटौली गांव की बहादुर बेटी ने बैरंग वापस कर दिया। देर रात से शुरू हुई पंचायत सुबह पटरंगा पुलिस के पहुंचने पर समाप्त हुई और वर पक्ष को बगैर बहू के वापस जाना पड़ा।
प्राप्त जानकारी के अनुसार पटरंगा थाना क्षेत्र के किसान रामजीत यादव निवासी मटौली ने अपनी बेटी की शादी फैज़ाबाद के अवध बिहार कालोनी जनपद अयोध्या निवासी विजयराज यादव के पुत्र बृजेश कुमार उर्फ राजन से तय की। विवाह तय करते समय विजयराज ने २० दिन में ही शादी की तिथि २५ अप्रैल को रख दी। आनन फानन में लड़की वालों ने शादी की तैयारियां पूरी की। कन्या के पिता रामजीत यादव ने बताया कि बेटी के विवाह में वर पक्ष के पिता सेवानिवृत अधिकारी हैं। विवाह तय करते समय अपनी हैसियत के मुताबिक बाइक देने की बात कही थी। गुरुवार की रात को बारात आने पर घर पर तिलक चढ़ाते समय तिलक में नकदी न होने पर वर पक्ष के लोग आक्रोशित हो गए। ग्रामीणों के समझाने के बाद जयमाल की रस्म पूरी हुई इस बीच जयमाल के बाद दहेज मन मुताबिक न होने पर पुनः विवाद होने लगा, इसी बीच दूल्हे के बड़े भाई के साले ने फैज़ाबाद से पहुँचकर एक वर्ष पहले हुए अपनी बहन के विवाह के बाद बहन के उत्पीड़न किये जाने की बात बताने लगे और वर पक्ष के परिजनों के विरुद्ध दर्ज कराए गए मुकदमे की प्रति मौजूद कन्या पक्ष के लोगो को दिखाई।
वर पक्ष के दहेज मांगने और होने वाली जेठानी के उत्पीड़न की खबर मिलने पर कन्या ने विवाह करने से इनकार कर दिया। दुल्हन के विवाह से इनकार की बात सुनते ही अफरा-तफरी का माहौल पैदा हो गया। सुबह तक दुल्हन को मनाने के प्रयास जारी रहे। लड़की के परिजनों ने बताया कि हाइवे चौकी प्रभारी ने पहुँच कर विवाह कराने का दबाव भी बनाया। कन्या पक्ष के रिश्तेदार बलभद्र यादव ने बताया कि दोनों पक्षो का दान दहेज एक दूसरे ने वापस कर दिया है। वहीं दूसरी ओर बहादुर लड़की की चारो ओर क्षेत्र में प्रशंसा हो रही है।
थानाध्यक्ष पटरंगा संतोष सिंह ने बताया कि मटौली गांव में बगैर विवाह के बारात वापस चली जाने की जानकारी का मामला सामने आया था जिसमे हाइवे चौकी इंचार्ज को मौके पर भेजा गया था।