Home अयोध्या पत्रकारों की स्वतंत्रता व सुरक्षा दोनों ही खतरे में 

पत्रकारों की स्वतंत्रता व सुरक्षा दोनों ही खतरे में 

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रुदौली-अयोध्या। लगातार पत्रकारों पर हो रहे हमलों को लेकर आज पत्रकारों में आक्रोश है। गत २२ अगस्त को रुदौली के पत्रकार मोहम्मद आलम व सहयोगी शिव शंकर के साथ जानलेवा हमला, हिंसात्मक पिटाई और उनके साथ दुर्व्यवहार को लेकर शासन-प्रशासन की व्यवस्था के खिलाफ पत्रकारों में भारी आक्रोश दिख रहा है। इस दौरान करीब दो दर्जन पत्रकार अयोध्या जिले के तमाम आलाअधिकारी से मुलाकात कर एसडीएम रुदौली, एसएसपी अयोध्या, डीएम सहित मुख्यमंत्री को संबोधित ज्ञापन सौंपा जिसमें पत्रकारों की सुरक्षा और उनके उत्पीड़न को रोकने के लिए मांग की गई।

बताते चलें कि रूदौली के पत्रकार मो0 आलम व् उनके सहयोगी पर रूदौली शिक्षा क्षेत्र के प्राथमिक विद्यालय सण्डरी पर अध्यापक संतोष झा सहित एक दर्जन सहयोगी अध्यापक द्वारा जानलेवा हमला व् पिटाई करने के मामले को लेकर दर्ज मुक़दमे में सम्बन्धित के खिलाफ कार्यवाही की मांग की जा रही है। वही पर वरिष्ठ पत्रकार अब्दुल जब्बार का कहना है की हैरानी तो इस बात की है कि पत्रकारो पर हमला करने वालों के खिलाफ पोख्ता सबूत होने के बाद भी अबतक अध्यापकों पर कोई कार्यवाही नहीं हुई जिसके कारण पत्रकार मोहम्मद आलम व साथी पत्रकार आज क्षेत्रीय पत्रकारों के साथ मिलकर अपनी मांग को रखी और कहा कि उनके साथ हुए अन्याय की निष्पक्ष जांच हो जिससे दूध का दूध और पानी का पानी हो सके।

आहत पत्रकारो ने यह भी बताया कि लगातार उपरोक्त मामले में कार्यवाही न करने की धमकी भी मिल रही है। यदि इस बीच कोई अप्रिय घटना हो गई तो उसकी संपूर्ण जिम्मेदारी पुलिस प्रशासन और सरकार तथा आरोपित शिक्षक संतोष झा व उनके साथियों की होगी। वहीं प्रदेश और देश के अलग-अलग स्थानों पर पत्रकारों पर हुए हमलों और उनके साथ लगातार उत्पीड़न के मामलों को भी रोकने की मांग की गई है। अनूप गुप्ता ने बताया कि पत्रकारों का उत्पीड़न चरम पर है।

गौरतलब हो कि पत्रकार मोहम्मद आलम व सहयोगी शिव शंकर पर फर्जी मुकदमा व गुंडा एक्ट में फंसाने की सजिश भी हो रही है। यह भी बताते चलें कि पत्रकारों पर हो रहे अत्याचार को लेकर यह कोई पहला मामला नहीं है जब उन्हें डराने और धमकाने तथा उनके मनोबल को गिराने के लिए भ्रष्ट अधिकारी समय-समय पर उनके साथ ऐसे ही तरीके से हिंसात्मक तौर पर पेश होती रही है पिछले वर्ष २०१८ में बाराबंकी के पत्रकार डीके गोस्वामी को फर्जी तरीके से झूठे मुकदमे में फंसा कर जेल भेजा गया था इस घटना की कड़ी निंदा की गई थी। यहां तत्कालीन एसपी अनिल कुमार सिंह की एक वीडियो वायरल होने के बाद खबर प्रसारित करने पर पुलिस द्वारा उनके साथ किए गए कृत्य से आज भी पत्रकार आहत हैं, जबकि ऐसा नहीं था।

इस दौरान पुलिस ने अपनी अंग्रेजी हुकूमत की तर्ज पर बिना किसी जांच पड़ताल के जेल भेजा गया और पत्नी के साथ सामूहिक दुष्कर्म किया गया जिसमें कोई कार्यवाही नहीं की गई थी जिसके बाद तत्कालीन एसपी को हटाया गया था। वही साल २०१९ में सिरौलीगौसपुर क्षेत्र के पत्रकार अनिल कनौजिया द्वारा रसूलपुर प्राथमिक विद्यालय की कवरेज करने पर वहां की शिक्षिका शिखा गुप्ता और प्रधानाचार्य बृजेश शुक्ला ने अनिल कनौजिया पर पुलिस से मिलकर फर्जी मुकदमा लदवा दिया था, जबकि पत्रकार अनिल कनौजिया ने मुकदमा उन लोगों पर दर्ज कराया था परंतु पुलिस ने कोई कार्रवाई न करते हुए एकपक्षीय मामले को रफा-दफा करते हुए अनिल कनौजिया के द्वारा दी गई शिकायत पर मुकदमा तो दर्ज किया लेकिन बाद में फाइनल रिपोर्ट लगा दी, जबकि शिक्षक और पुलिस की मिलीभगत से उनके विरुद्ध आरोप पत्र दाखिल करते हुए अनिल कनौजिया के खिलाफ गुंडा एक्ट की कार्रवाई तक कर दी।

इसके अलावा हैदरगढ़ में आलोक कुमार उर्फ रामजी को साजिश रच कर पुलिस द्वारा फर्जी मुकदमे में एक षड्यंत्र रच कर कार्यवाही की कोशिश की गई जिससे आहत पत्रकार ने जांच की मांग करते हुए क्षेत्राधिकारी एसके राय पर बर्खास्तगी को लेकर प्रस्ताव भी रखा। मामला यहीं खत्म नहीं हुआ बल्कि तहसील रामनगर क्षेत्र में पत्रकार जेएल कनौजिया के साथ क्षेत्रीय दरोगा ने दुर्व्यवहार किया और उनके साथ गाली-गलौज करते हुए उनका परिचय पत्र भी फेंक दिया। यह घटना उस वक्त हुई थी जब वह अपने परिवार के साथ लोधेश्वर महादेव मंदिर से दर्शन कर घर वापस लौट रहे थे गाड़ी के सभी पेपर मौजूद होने के बावजूद भी दरोगा पन्नालाल द्वारा रौब गालिब किया गया जिससे पत्रकार काफी आहत हुए थे। इन सभी मांगों को लेकर निष्पक्ष जांच कराए जाने की बात कही।

इस मौके पर ग्रामीण पत्रकार एसोसिएशन के अध्यक्ष रवि गुप्ता, अजय गुप्ता, अनूप गुप्ता, डॉ0 मोहम्मद शब्बीर, उत्तर प्रदेश जर्नलिस्ट एसोसिएशन के अध्यक्ष अब्दुल जब्बार, जितेंद्र यादव, नितेश सिंह, डॉ0 मुस्लिम, रामराज, पंकज आर्य, आफताब अनवर, जयसिंह,आसिफ शेख, वीरेंद्र यादव, अलीम कशिश, एसएस वर्मा, प्रेम प्रकाश, राम सनेही, अरसलान शेख, विकास वीर यादव, सतीश यादव, क़ाज़ी इबाद शकेब, रियाज़ अन्सारी, ताहिर रिज़वी, अबूबकर खान, कार्तिक मौर्या, फ़तेह खान, मो सालिम आदि पत्रकार मौजूद रहे।

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