बलिया। जिले के पङोसी बिहार राज्य के छपरा अंतर्गत आनेवाले सदर छपरा, एकमा, मांझी, जलालपुर, नगरा सहित बनियापुर तथा मसरख आदि प्रखंडो के साथ साथ झारखंड के राँची, बोकारो एवं जमशेदपुर आदि क्षेत्रों में ११ अप्रैल को शाम भव्य छठपूजा मनाते हुए भगवान सूर्यदेव को सूर्यास्त वेला में व्रतीगणो ने अर्घ दिया।
बता दें कि चल रहे चैत्र नवरात्रोत्सव के षष्टि तिथी को यह पूजा सरोवरो, नदीयों या तलाबो के किनारो के बजाय यह पूजा कुँओ के समीप मनायी जाती है जिसकी विशेषता है कि इस पूजा मे खासकर ४५ वर्ष से अधिक उम्र दराज महिलाँए ही भाग लेती है जिसमें इस व्रत का पालन भी उसी पवित्रता से किया जाता है जिस तरह कार्तिक महीने में होनेवाले महापर्व में किया जाता है। परंतु इस पर्व में ग्रीष्म ऋतु होने के कारण गन्ना एवं कंद मूल,फल आदि प्रचुर मात्रा में नही उपलब्ध होने के कारण इसे सीमित दायरे में ही मनाया जाता है।
बतातें चलें कि मिली जानकारी के अनुसार एक तरफ बिहार के इस जिले के कोपाथाना अंतर्गत चतरा ग्राम के दक्षिण स्थित स्व.रामदर्श सिंह ऊर्फ डाक्टर साहब के कुँए के तट पर यह पर्व धूमधाम से मनाया गया जबकि दूसरी तरफ झारखंड राज्य के जमशेदपुर स्थित प्रसाद बगान में यह पूजा लोगो ने अपने घर के छतो पर श्रद्धा के साथ मनाये। जिसमें इंदिरा सिंह, पम्मी सिंह सहित अनुराधा सिंह आदि ने ‘ऊजे छठी मईंया आवेली पश्चिम से, उनकर पाकल पाकल केश, उनकर पाकल पाकल केश’आदि गाने गा गाकर माहौल को छठमय बना दिया।
साथ साथ यह भी जानकारी मिली की बिहार एवं झारखंड आदि की बहुत सारी कन्याओं का विवाह वर्षो पहले पूर्वांचल क्षेत्र के बलिया ,देवरिया, कुशीनगर, मऊ आदि जिलो में हुआ है वे सभी भी इस छठपूजा में छठी मईयाँ का स्मरण किए तथा मन ही मन में सूर्यदेव को भी नमन किए। उपरोक्त जानकारी उपरोक्त जिले के से निखिल सिंह,झारखंड के बोकारो से शंभूनाथ सिंह तथा टाटानगर के गुंजन सिंह के तरफ से मिली।