Home अयोध्या अयोध्या के जैन मंदिर परिसर में वृद्ध महिला के अंतिम संस्कार पर...

अयोध्या के जैन मंदिर परिसर में वृद्ध महिला के अंतिम संस्कार पर विवाद

279
0

कोरोना के डर से मंदिर परिसर में वृद्ध महिला के अंतिम संस्कार पर स्थानीय लोगों ने किया विरोध

२३ मार्च से अयोध्या में दो दर्जन से अधिक जैन प्रचारकों ने बनाया था ठिकाना प्रशासन बेख़बर 

अयोध्या-उत्तर प्रदेश। स्थानीय जैन मंदिर में बाहर से आए प्रचारकों के दल का खुलासा उस समय हुआ जब इसमें से एक वृद्ध महिला का देहांत हो गया । जैन मंदिर से जुड़े लोग जब उसे जलाने के लिए तैयारी कर रहे थे उसी समय स्थानीय लोगो ने विरोध कर दिया और पुलिस प्रशासन को कोरोना मामले से मौत होने की आशंका जताते हुए सूचना दी। हालांकि सूचना के बाद रेजिडेंट मजिस्ट्रेट और स्थानीय अयोध्या पुलिस मौके पर पहुंच गई।

आपको बता दें कि अयोध्या के रायगंज मोहल्ले में जैन मंदिर स्थित है। जैन मंदिर में २३ मार्च को २७ सदस्यों का एक प्रचारक संघ आया था। जिसमें १२ मुनि लोग थे और १५ अरिका मतलब महिला प्रचारक थी। लॉक डाउन के चलते यह बाहर से आए सभी प्रचारक जैन मंदिर में ही फस गए हालांकि जैन मंदिर प्रशासन में इसकी कोई सूचना पुलिस को नहीं दी, जैन मंदिर में इस समय मौजूद लोगों की संख्या ४० के आसपास है। इसका खुलासा उस समय हुआ जब एक वृद्ध महिला प्रचारक की अचानक मौत हो गई। लेकिन जब जैन मंदिर परिसर में ही उक्त महिला को जलाने की व्यवस्था की जा रही थी उसी समय स्थानीय रायगंज मोहल्ले वासियों को इसकी जानकारी हो गई और इसी के बाद स्थानीय साधु-संतों और लोगों ने इसको लेकर विरोध शुरू कर दिया। लोगों को संदेह इसलिए हुआ क्योंकि जैन मंदिर की स्थापना के बाद से कभी भी जैन मंदिर परिसर में किसी का अंतिम संस्कार नहीं किया गया। इसी को लेकर लोगों को यह आशंका हुई कि हो सकता है बाहर से आए इन प्रचारकों में से एक की मौत कोरोना वायरस के चलते हुई हो और लाश जलाए जाने के बाद उसके संक्रमण की चपेट में मोहल्ले के लोग ना आ जाएं। इसी के चलते साधु संतों और मोहल्ले के स्थानीय लोगों ने अयोध्या प्रशासन को जानकारी दी की कोरोना के चलते बाहर से आए एक जैन प्रचारक महिला की मौत हो गई है और उसे चुपचाप परिसर में ही जलाया जा रहा है।

हांलाकि सूचना मिलते ही रेजिडेंट मजिस्ट्रेट पुलिस बल के साथ पहुंच गए। उसके बाद बिना मेडिकल जांच के शव को जलाने की अनुमति दे दी जिसको लेकर स्थानीय लोगों में नाराजगी है।स्थानीय निवासी संत रामलखन दास के मुताबिक मोहल्ले में सभी लोग जितने रायगंज निवासी हैं सभी का विरोध है, कभी भी आबादी वाले क्षेत्र में लाश जलाई नहीं जाती जैन मंदिर में आज तक १९६२ में जैन मंदिर लिया गया भगवान की स्थापना हुई आज तक कभी भी जैन मंदिर परिसर में लाश नहीं जलाई गई, लेकिन आज सूखी जा रही है मैंने विरोध इसलिए किया कि मोहल्ले में इसका धुआं निकलेगा आबादी वाला मोहल्ला है रायगंज मोहल्ला गृहस्थ का है इसलिए यहां न फूंका जाए, घाट लेकर जाया जाए लेकिन हमारी बात को सभी लोगों ने अनसुनी कर दिया और मैंने अधिकारियों से भी कहा अधिकारी लोग भी आए लेकिन उन्होंने भी नहीं माना और लाश यही जला दी गई।

वहीं निवासी अवधेश ने कहा कि विरोध यही है कभी आज तक मेरी 53 साल उम्र हो गई है मैंने आज तक नहीं देखा जैन मंदिर परिसर में लाश गाड़ी गई हो या जलाई गई हो लेकिन इस समय कोरोना का मामला चल रहा है और यहां लाश जलाई जा रही है हम तो विरोध कर ही रहे हैं लेकिन उनका केंपस है इसलिए हम बोल नहीं पा रहे हैं अधिकारी जब आए तो बहुत से लोग वहां जा ही नहीं पाए। रेजिडेंट मजिस्ट्रेट अयोध्या के डी शर्मा के मुताबिक स्थानीय निवासी फोन के द्वारा बताया गया कि कोरोना वायरस से मृत्यु हो गए हैं जबकि एक भी कोरोना वायरस का मामला जनपद में नहीं पाया गया है और हर आश्रम में हर मंदिर में जो जहां है वहीं रुका हुआ है इनकी उम्र ७३ साल थी पास जाकर हमने देखा है तीन से चार दिन हुए इन्होंने खाना बंद कर दिया था वृद्ध हो गई थी। यह सारी बातें एकदम निराधार पाई गई इसके अलावा हमने सीएमओ साहब से बात किया उन्होंने कहा कि अगर उस तरह का पॉजिटिव केस होता पाया गया होता तो भी उसका निराकरण जलाकर ही किया क्योंकि इसमें इस तरह का कुछ पाया नहीं गया है। कोई संदेह भी नहीं है इसलिए जलाए जाने से कोई समस्या नहीं है और गांव वाले भी सहमत हो गए और उस पर लिख कर सहमति दे दिए हैं अब किसी को आपत्ति नहीं है यह लोग जब से २३ तारीख से हैं अगर किसी को होता २० तारीख से जब से हैं अब तक तो लक्षण सामने आ जाता किसी न किसी व्यक्ति के बीच हम अंदर गए लगभग सभी लोगों से मुलाकात हुई किसी भी व्यक्ति को कोई लक्षण नहीं है सामान्य लक्षण आप भी जान रहे हैं किसी के अंदर नहीं है तो किसी व्यक्ति के अंदर नहीं है इसका मतलब कोई प्रभावित नहीं है अगर कोई प्रभावित होता तो उसकी जांच कराई जाती।

Leave a Reply