हैदरगंज, अयोध्या। हैदरगंज थाना क्षेत्र में हुए आशीष अपहरण कांड में चौकाने वाली सच्चाई सामने आई है। सोमवार की देर रात पुलिस मुठभेड़ में पकड़े गए अभियुक्तों ने पूछताछ में बताया है कि उन्होंने पांच दिन पहले आशीष की हत्या कर शव सुल्तानपुर जिले में स्थित गोमती नदी में फेंक दिया है। डीआईजी दीपक कुमार ने इसकी पुष्टि की है। उन्होंने बताया कि चार अभियुक्तों को हिरासत में लिया गया है, जिसमें दो आरोपियों को मुठभेड़ में पकड़ा गया है। आरोपियों का कहना है कि उन्होंने गला दबाकर आशीष की हत्या की और शव को गोमती नदी में फेंक दिया। आशीष की तलाश के लिए सोमवार से ही पुलिस टीम गोमती नदी में सर्च अभियान चला रही है। मुठभेड़ में दोनों ओर से गोलीबारी हुई, जिसमें आरोपियों सहित पुलिस का एक आरक्षी भी घायल है।आरोपियों को कठोर कार्रवाई की जाएगी।
अभियुक्तों को गिरफ्तार करने वाली टीम को डीआईजी ओर से दस हजार रुपये का पुरस्कार देने की घोषणा की गई है।आरोपियों से पुलिस की मुठभेड़ सोमवार की देररात पूराकलंदर थाना क्षेत्र के पगलाभरी गांव के पास हुई।पूराकलंदर पुलिस और क्राइम ब्रांच की स्वाट टीम की संयुक्त कार्रवाई में आरोपित प्रधान पुत्र मोहित वर्मा व उसके साथी रवि वर्मा को दबोच लिया गया। दोनों ओर से हुई फायरिग में आरोपी मोहित और रवि सहित पूराकलंदर थाना में तैनात आरक्षी अनूप पांडेय घायल हैं।
पूराकलंदर थाना प्रभारी संतोष सिंह ने भी कहाकि पूछताछ में आरोपियों ने बताया है कि उन्होंने अपहरण के बाद आशीष की हत्या कर शव गोमती नदी में फेंक दिया है। हैदरगंज थाना क्षेत्र के कटौना गांव निवासी शेर बहादुर वर्मा व ग्राम प्रधान संजय वर्मा के बीच खलिहान की जमीन पर कब्जेदारी का विवाद चल रहा है। गत नौ अगस्त को शेर बहादुर वर्मा के पुत्र आशीष वर्मा का आरोपियों ने अपहरण कर लिया। शेर बहादुर ने प्रधान संजय वर्मा व उनके दो पुत्रों मोहित और रोहित सहित पांच लोगों पर मुकदमा दर्ज है। अभियुक्तों के पास से दो तमंचा, कारतूस व बाइक पुलिस ने बरामद की है।