Home अयोध्या गौशाला योजना फेल, गौशालाओं मे नहीं रख सकते आवारा पशु

गौशाला योजना फेल, गौशालाओं मे नहीं रख सकते आवारा पशु

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हमार पूर्वांचल
अयोध्या न्यूज़

अमानीगंज-अयोध्या : किसान दिवस व चौधरी चरण सिंह की जयंती के अवसर पर अपने गृह क्षेत्र अमानीगंज में किसानों के बीच जाकर उनसे मिलकर बात करने का अवसर मिला। हमारे पूरे भ्रमण के दौरान एक बात जो सबसे खास निकल कर आई कि अमानीगंज विकास खण्ड का कोई भी गांव ऐसा नहीं मिला जहाँ छोटी से छोटी जोत के किसान और बड़ी से बड़ी जोत के किसान छुट्टा पशुओं से परेशान न हों, तमाम किसान अपनी फसलों को बचाने के लिए जहां तारों की बाड़ लगा रहे हैं वहीं कुछ किसान अपनी फसलों की रखवाली करते हुए पाये गए। किसानों की समस्याओं को सुनते हुए जब हम अमानीगंज क्षेत्र में निर्मित रामपुर गौहनिया गौशाला पहुँचे तो देखा इतनी बड़ी गौशाला में लगभग ३० जानवर हमें दिखाई पड़े, पूछने पर पता चला कि जानवरों को नगर निगम अयोध्या द्वारा लाकर छोड़ा गया है।

इस तरह से होते हुए हम पहुँचे अमानीगंज महात्मा गांधी चौराहा जहाँ छुट्टा सांडो की एक बहुत बड़ी जमात हमें दिखाई पड़ी, वहां से आगे चलने पर यह सिलसिला कोटिया और फिर खण्डासा में भी दिखाई दिया।रौतांवा, धरौली व कटैया भादी आदि गांवों में भी छुट्टे पशुओं का प्रकोप काफी बड़ी मात्रा में देखने को मिला, कुछ स्थानों पर हमने तस्वीरें भी खींची और इस सिलसिले में हमने अमानीगंज खण्ड विकास अधिकारी पीयूष श्रीवास्तव से जब बात की तो उनका कहना था कि प्रशासन द्वारा ऐसी कोई व्यवस्था ही नहीं की गई है कि किसानों के जानवरों को गौशाला में रखा जाए।

गौशाला बनकर तैयार हो गई है और गौशाला में सांड रखे जाने की व्यवस्था तो है लेकिन उनके भोजन और चारे की व्यवस्था सरकार द्वारा नहीं कराई गयीं है और न उसका कोई मद है इसके लिए यदि किसी किसान को अपना छुट्टा पशु गौशाला में रखना है तो उसे प्रतिदिन ₹ ७० के हिसाब से उनके चारे का बिल जमा करना पड़ेगा, सोचने वाली बात है इतने बड़े पैमाने पर पूरे प्रदेश में बनाई जा रही गौशालाओं में कहाँ के पशु रखे जाएंगे और किसान को ₹ ७० के हिसाब से जमा ही करना होगा तो महीने का ₹ २१०० जमा करने से अच्छा है कि किसान अपने पशुओं को जिस तरह से छोड़ रहे हैं वैसे ही छोड़ते रहेंगे और यह समस्या आने वाले समय में विकराल रूप धारण करती रहेगी । सरकार से इस बात की अपेक्षा है कि वह जब इस प्रकार की योजना बना सकती है तो पशुओं के चारे की व्यवस्था करे और गौशालाओं का सुचारु संचालन करे अन्यथा ये गौशालायें बेमानी साबित होंगी और इनके निर्माण पर आने वाले समय में प्रश्न चिन्ह खड़ा हो जायेगा ।

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