अयोध्या। सरकार दिव्यांग सशक्तिकरण के लिए पैसा पानी की तरह बहा रही है, लेकिन इसके कर्ताधर्ता ही सरकारी नियम कायदों को ठेंगा दिखा रहे हैं। मनमाने तरीके से दिव्यांगों को उनके प्रयोग लायक उपकरण वितरित किए जा रहे हैं। न तो उपकरणों की गुणवत्ता जांची जाती है और न ही इसके लिए अधिकृत जिम्मेदारों को आमंत्रित ही किया जाता है। हाल में ही अयोध्या मंडल के दिव्यांग विभाग ने तकरीबन दो दर्जन से अधिक दिव्यांगों को राजकीय बालिका इंटर कॉलेज में उपकरण बांटे, लेकिन इसमें भी इस गाइडलाइन का अनुपालन नहीं हुआ।
इस दौरान लाभार्थियों को ट्राइसाइकिल व श्रवण यंत्र वितरित किये गये। नियमत: उपकरण वितरण शिविर में भारतीय पुनर्वास परिषद की गाइड लाइन का पालन होना चाहिए। इसके अंतर्गत पुनर्वास परिषद में पंजीकृत प्रॉस्थेटिस्ट आर्थोटिस्ट को बुलाकर उपकरणों की जांच करानी जरूरी है।श्रवणयंत्र का परीक्षण ऑडियोलॉजिस्ट करते हैं। इस बार भी ऐसा नहीं हुआ। कुछ समय से भारतीय पुनर्वास परिषद के नियमों की अनदेखी स्थानीय स्तर पर की जा रही है। आर्थोटिक प्रोस्थेटिक एसोसिएशन ऑफ इंडिया के एक्जीक्यूटिव काउंसिल मेंबर अजीत प्रताप सिंह ने इसकी शिकायत शासन में की है। उन्होंने दिव्यांग विभाग के निदेशक को पत्र लिखकर जांच कर कार्रवाई की मांग की है।