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मच्छरों के काटने से होने वाले संक्रामक रोगों से बचाव हेतु हुआ सहायता केन्द्र का उद्घाटन

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फैजाबाद।उ प्र सरकार ने मच्छर जनित संक्रामक रोगों और ज्वर से निपटने के लिए महत्वाकांक्षी योजना का आरम्भ किया है । उक्त योजना के तहत जिले के प्रमुख सरकारी अस्पतालों में ज्वर सहायता केन्द्र, पृथक वार्ड आदि की व्यवस्था करने का निर्देश चिकित्सालय के प्रमुख चिकित्सा अधीक्षकों और मुख्य चिकित्सा अधिकारी को दिया गया है । अपर निदेशक स्वास्थ्य व परिवार कल्याण द्वारा जारी दिशा निर्देश में कहा गया है कि जिला पुरूष व महिला चिकित्सालय तथा संयुक्त मण्डल चिकित्सालय में तत्काल ज्वर सहायता केन्द्र खोले जायें जिससे मरीज और तीमारदारों को आवश्यक सूचनाएं आसानी से मिल सकें, यह भी निर्देशित किया गया है कि डेंगू, मलेरिया, जापानी इन्सेंफलाइटिस जैसे मच्छर जनित ज्वर पीड़ित रोगियों के लिए प्रत्येक अस्पताल में अलग से वार्ड बनाये जायें जिसके हर बेड पर मच्छरदानी लगी हो । यही नहीं वार्ड को इतना स्वच्छ रखा जाय कि वहां मच्छर पनपने का खतरा न हो ।

 

जिला चिकत्सालय में ज्वर सहायता केन्द्र स्थापित कर दिया गया है तथा पहले से बनाये गये डेंगू वार्ड को ही विशेष वार्ड बना दिया गया है । दिशा निर्देश में यह भी कहा गया है कि ज्वर के लिए आवश्यक दवाएं यदि चिकित्सालय में उपलब्ध न हों तो उन्हें बाहर से क्रय करके मरीजों को उपलब्ध कराया जाय । यह ध्यान रखा जाय कि कोई भी रोगी दवा से वंचित न रहने पाये । अपर निदेशक ने मुख्य चिकित्सा अधिकारी को निर्देशित किया है कि जनपद के सभी प्राथमिक व सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों पर नियुक्त चिकित्सकों को निर्देशित किया जाय कि वह गावों का भ्रमण कर ऐसे क्षेत्रों को चिन्हित करें जहाँ ज्वर फैला हुआ हो । ऐसे क्षेत्रों के मरीजों को समुचित दवाएं उपलब्ध कराने के साथ ही ग्राम प्रधान के सहयोग से लार्वा नाशक छिड़काव और फागिंग की व्यवस्था करायी जाय ।

आदेश में यह भी कहा गया है कि सरकार की मंशा है कि ज्वर से खासकर बच्चों की हो रही मौतों को रोका जाय इसके लिए प्रत्येक ज्वर सहायता केन्द्र को निर्देशित किया गया है कि वह अस्पताल में भर्ती ज्वर पीड़ित मरीजों तथा ओपीडी में आने वाले ज्वर पीड़ितों का चार्ट में ब्यौरा दर्ज कर प्रतिदिन अपर निदेशक स्वास्थ्य को भेजा जाय, यह भी निर्देशित किया गया है कि यह व्यवस्था करायी जाय कि चिकित्सक व पैरा मेडिकल स्टाफ अनावश्यक अवकाश न लें व अवकाश मंजूर करने के पहले अत्यावश्यक कारण अवश्य देखा जाय । हालात यह हैं कि सरकार के तुगलकी आदेश का फरमान जारी तो कर दिया गया है परन्तु किसी भी सरकारी अस्पताल के पास न तो पर्याप्त चिकित्सक व पैरा मेडिकल स्टाफ हैं और न ही संक्रामक रोगों से निपटने के लिए आवश्यक दवाएं ही हैं । दूसरी ओर आदेश में यह भी कहा गया है कि ज्वर पीड़ित के लक्षण के आधार पर तत्काल जाँच करायी जाय जिससे यह पता चल सके कि उन्हें डेंगू है या मलेरिया । भ्रमण टीम को जांच किट देने का भी आदेश दिया गया है जिससे वह गांवो में जाकर रोंग को चिन्हित कर सकें और रोगों की रोकथाम की जा सके ।

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