Home अयोध्या उन्यासी लोगों को किया गया भूमि आवंटन निरस्त 

उन्यासी लोगों को किया गया भूमि आवंटन निरस्त 

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जिलाधिकारी अयोध्या ने दिया दोषियों पर कार्रवाई काआदेश

मिल्कीपुर तहसील प्रशासन में मचा हडकंप 

अमानीगंज, अयोध्या। मिल्कीपुर तहसील के कंदई कला गांव में ७९ लोगों को दिए गए भूमि आवंटन के पट्टे को जिलाधिकारी अयोध्या अनुज कुमार झा ने निरस्त कर दिया है जिलाधिकारी अयोध्या ने पारित आदेश में कहा है कि इस मामले में मूल पत्रावली गायब करने वाले लोगों के विरुद्ध वैधानिक कार्यवाही सुनिश्चित की जाए आदेश के बाद मिल्कीपुर तहसील प्रशासन में हड़कंप मचा हुआ है और कोई भी अधिकारी इस संबंध में बात करने को तैयार नहीं है।

मिल्कीपुर तहसील के कंदई कला गांव में वर्ष दो हजार सत्रह अट्ठारह में ग्राम प्रधान राजकुमार चौहान व लेखपाल कृष्णा प्रसाद ने ७९ लोगों को अमानीगंज से रौनाही मार्ग पर स्थित करोड़ों रूपए की बेशकीमती जमीन का पट्टा किया था जिसके बाद ग्राम पंचायत के ११ सदस्यों में से ८ सदस्यों ने शपथ पत्र प्रस्तुत करते हुए उपजिलाधिकारी मिल्कीपुर के न्यायालय में आवंटन रद्द करने की मांग शपथ पत्र देकर की थी लेकिन उपजिलाधिकारी मिल्कीपुर ने उस समय आवंटन निरस्त नहीं किया था। इसके बाद मामला जिलाधिकारी के यहां प्रस्तुत हुआ मामले में शिकायत करने वाले अनंत बहादुर सिंह व समरजीत सिंह के अनुसार कंदई कला गांव की भूमि गाटा संख्या ५०७, १६६८, १० से १४, १०, १९८४, १३०८ आदि को लेते हुए लगभग १० एकड जमीन का करोड़ों रुपए लेनदेन करते हुए गुपचुप तरीके से पट्टा कर दिया गया।

शिकायत कर्ताओं का कहना था कि ना तो भूमि आवंटन करने से पहले डुग्गी मुनादी कराई गई और ना ही स्थानीय समाचार पत्रों में इसे गजट कराया गया। यही नहीं मूल रजिस्टर पर भूमि प्रबंधन समिति के सदस्यों के हस्ताक्षर तक नहीं कराए गए ग्राम पंचायत में कुल ११ पंचायत सदस्य हैं जिसमें भूमि आवंटन समिति में ५ सदस्य शामिल किए गए हैं, किसी भी प्रस्ताव को पास करने के लिए दो तिहाई सदस्यों का होना आवश्यक होता है। सभी बिंदुओं पर विचार करने के बाद जिला अधिकारी अयोध्या अनुज कुमार झा ने मामले में अपना फैसला सुनाते हुए कहा है कि दिनांक २३ जुलाई २०१८ को अंतर्गत धारा १२८ उत्तर प्रदेश राजस्व संघिता अधिनियम २००६ को स्वीकार करते हुए उपजिलाधिकारी मिल्कीपुर द्वारा किया गया आवंटन निरस्त किया जाता है। साथ ही पूर्व में हुए पट्टा आवंटन की कार्यवाही में मूल रजिस्टर की तलाश के संबंध में दोषी लोगों के विरुद्ध प्रथक से वैधानिक कार्यवाही सुनिश्चित की जाए। जिसके बाद मिल्कीपुर तहसील प्रशासन में आदेश की प्रति पहुंचते ही हड़कंप मचा हुआ है संबंधित लेखपाल कृष्णा प्रसाद का कहना है कि उन्होंने संबंधित भूमि आवंटन समिति का रजिस्टर ग्राम प्रधान को उसी समय वापस कर दिया था लेकिन ग्राम प्रधान मामले की सुनवाई में उस रजिस्टर को प्रस्तुत नहीं कर सके वहीं मामले में आपत्ति कर्ताओं का कहना है कि रजिस्टर बनाया ही नहीं गया था और सभी काम को पैसों के बल पर लेनदेन करके किया गया था।

सबसे खास बात यह है कि पट्टा आवंटन की इस पूरी प्रक्रिया में एक ही परिवार के दो से तीन लोगों को आवासीय व कृषि पट्टा आवंटित किया गया था जिनके पास चार पहिया वाहन से लेकर के आलीशान मकान तक मौजूद हैं सड़क से सटे इस बेशकीमती जमीन के दोनों तरफ की गई भूमि आवंटन की इस कार्यवाही से पूरे गांव में विवाद की स्थिति पैदा हो गई थी और सैकड़ों की संख्या में लोगों ने तहसील से लेकर जिले तक पट्टा आवंटन निरस्त करने की मांग की थी। बताते चलें की यह वही स्थल है जहां पर वर्ष २०१२ में तत्कालीन सपा सरकार ने कंदई कला के नाम से नए विकास खण्ड घोषित करने के लिए प्रस्ताव किया था जो कतिपय कारणों से नहीं हो सका था देखना होगा कि अब इस मामले में दोषी लोगों के विरुद्ध कौन सी प्रशासनिक कार्यवाही की जाती है।

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