रुदौली-अयोध्या : हर घर को रोशन करने का सपना यहाँ फेल होता दिख रहा है। ऊर्जामन्त्री द्वारा जिन ३९९ गांवों को बिजली से जगमग होने का दावा किया जा रहा है वहाँ की जमीनी हकीकत कुछ और बयां कर रही है। इनमें तमाम गांव ऐसे भी हैं, जहाँ बिना खम्भों व तार के दीवारों पर सिर्फ मीटर टांग कर ‘सौभाग्यशाली’ बनाया गया है। गौरतलब है कि अधिकांश बस्तियां कागजों पर रोशनी से जगामगा रही हैं। दरअसल जिले को सौभाग्यशाली घोषित होने से एक दिन पहले शनिवार को विद्युतीकरण की सच्चाई का लाइव पड़ताल किया गया।
इस दौरान रुदौली की ग्राम पंचायत सीवन का मजरा टटरवापुर में गांव के बाहर दो पोल पर मात्र ट्रांसफॉर्मर रखा मिला। पोल पर तार तक नहीं खींचे गये थे, पूछने पर यहाँ के निवासी जयप्रकाश, सत्यप्रकाश, ओमप्रकाश, शिवाकांत, बृजेश व बृजेंद्र बताने लगे कि भइया पूरे गांव के लोगों के घरों में मीटर तो दो महीने पहले ही दीवारों पर टांग दिए गये हैं पर तार और ट्रांसफॉर्मर अब लगाया जा रहा है। थोड़ा आगे बढ़े तो देखा कि टटरवापुर में खम्भे पर चढ़कर एक युवक तार बांध रहा था। पूछने पर बोला कि सीवन मोड़ से सप्लाई के लिए तार खींचना है। फिर जंगी का पुरवा व नंदू का पुरवा गांव पहुंचे, जहाँ की हालत भी यही थी।
बताते चलें कि रुदौली विधायक रामचंद्र यादव ने नियम ३०१ के तहत विधसनसभा के सदन में विद्युतीकरण के मुद्दे को उठाया था। इस पर ऊर्जामन्त्री श्रीकांत शर्मा की ओर से मिले जवाब में दावा किया गया कि रुदौली, मवई और पूरे डलई ब्लॉक क्षेत्र की ३९९ गांवों में विद्युतीकरण होने के साथ कनेक्शन भी हो चुके हैं, जबकि पड़ताल में इन मजरों में काम अधूरे तो हैं ही, साथ ही बिना तार पोल के सिर्फ मीटर लगाकर गांवों को सौभाग्यशाली घोषित किया जा रहा है । ऐसे में सवाल यह उठता है कि हर घर को रोशन करने का केन्द्र सरकार का सपना कैसे हकीकत बनेगा।
रुदौली के अख्तियारपुर के ग्रामीणों ने विद्युत विभाग के खिलाफ गहरा आक्रोश जताया है। ग्राम प्रधान प्रतिनिधि शैलेंद्र पटेल ने इलाकाई विधायक रामचंद्र यादव से शिकायती पत्र के जरिए कहा है कि उनके पूरे गांव में लोगों के घरों के ऊपर से एलटी के बजाय हाईटेंशन लाइन खींच दी गई है, इससे लोगों ने अपने घरों की छतों पर चढ़ना छोड़ दिया है ।
ऐथर के संतोष कुमार ने बताया कि उनकी ग्राम पंचायत का मजरा हरौरा पसियान में अब तक विद्युतीकरण का काम तक नहीं शुरू हो पाया है, जबकि हरौरा गुजरान में आधा-अधूरा काम छोड़कर कर्मी भाग गये हैं।
गंगरेला व अशरफपुर में विद्युतीकरण का अजब गजब मामला दिखा। यहाँ के ग्रामीणों ने बताया कि जिस मोहल्ले में पैसा नहीं मिला, वहाँ विद्युतीकरण किया ही नहीं गया। जे.पी यादव ने बताया कि दलित बस्ती में न तार खींचे गये और न ही खम्भे गड़े। विद्युत विभाग के अधिशाषी अभियंता डी के सोनकर ने बताया कि ज्यादातर गांवों में विद्युतीकरण का काम तकरीबन पूरा हो चुका है। उसे अंतिम रूप देने का काम तेजी से चल रहा है। कहीं-कहीं मीटर लगे हैं लेकिन कनेक्शन नहीं हुए हैं। ऐसी शिकायतों की वह जांच करायेंगे, फिर कार्रवाई भी होगी।
सौभाग्य योजना के तहत हर घर तक बिजली पहुंचाने के लिए सरकार कटिबद्ध है। विद्युतीकरण के साथ घरों को कनेक्शन भी नि:शुल्क दिया जाने का प्रावधान है। यहाँ रौजागांव मिल गेट चौराहा के लोगों को पांच पोल गड़वाने के लिए जेब ढीली करनी पड़ी। इसके बावजूद अब तक तार नहीं खींचा जा सका है। ग्राम प्रधान अनिल लोधी ने बताया कि जे ई सौभाग्य योजना से न हो पाने का बहाना कर रहा था। तब ग्रामीणों को निजी खर्च कर लाइन बनवानी पड़ी ।