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प्रधानमन्त्री मोदी अयोध्या तो आये पर दूर रहे राम की नगरी अयोध्या से

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अयोध्या …
लोकसभा आम चुनाव २०१९ के पांचवें चरण के चुनाव प्रचार के क्रम में विजय संकल्प रैली को संबोधित करने के लिए प्रधानमन्त्री नरेन्द्र मोदी अयोध्या आकर भी राम लला की अयोध्या से दूर ही रहे ।
प्रधानमन्त्री सुबह लगभग ११:३० बजे अयोध्या के मया बाजार में बनाए गए हेलीपैड पर पहुंचे और फिर वहां से कार के द्वारा मंच तक पहुंचे । इस दौरान हर हर मोदी, घर घर मोदी के जोरदार नारों के साथ मंच पर उनका स्वागत किया गया । प्रधानमन्त्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि बाबा साहब अम्बेडकर का नाम जिस शहर से जुड़ा है मैं वहां आकर स्वयं को धन्य महसूस कर रहा हूँ । आपका प्यार मेरी पूंजी है । यह मर्यादापुरुषोत्तम श्री राम की नगरी है, देश के स्वाभिमान की नगरी है । हम नए भारत का सपना साकार करने में लगे हैं । उन्होंने कहा कि बहनजी ने बाबा साहब के नाम का उपयोग किया लेकिन उनके आदर्शो के विपरीत काम किया । सपा ने भी लोहिया जी के नाम का उपयोग तो किया लेकिन सब तहस-नहस कर दिया । इनको गरीबों और श्रमिकों की चिंता करनी चाहिए थी पर नहीं किये ।
प्रधानमन्त्री ने गोसाईंगंज विधानसभा के मया बाजार इलाके में चुनावी जनसभा को संबोधित किया, इसी क्रम में मंच पर जगह नहीं मिलने से राम जन्मभूमि न्यास के वरिष्ठ सदस्य एवं पूर्व सांसद डॉ रामविलास वेदांती ने नाराजगी जाहिर की है, उन्होंने कहा कि रामजन्मभूमि न्यास का सदस्य होने के कारण मुझे मंच पर जगह नहीं दी गई है । इससे पहले रामविलास वेदांती ने कहा कि अयोध्या में गाय दिखाई देती है, गधे कहीं नहीं दिखते । हिन्दू धाम में कोई गधा नहीं है । योगी आदित्यनाथ के साथ जरूर कुछ गधे चलते हैं । शायद उनकी दृष्टि में वह गधा दिखाई दिया होगा, इसीलिए उन्हें हिंदू धाम में गधे दिखाई देते हैं । बता दें कि प्रधानमन्त्री मोदी ने अयोध्या से करीब २५ किमी दूरी पर रैली को संबोधित किया । फैजाबाद (अयोध्या) लोकसभा प्रत्याशी लल्लू सिंह और अम्बेडकर नगर के प्रत्याशी मुकुट बिहारी वर्मा के समर्थन में जन सभा को संबोधित किया, प्रधानमन्त्री की यह जनसभा दो जिलों के प्रत्याशियों के लिए संयुक्त जनसभा हुई ।
बड़ा सवाल यह भी है कि प्रधानमन्त्री मोदी की आख़िर रामलला से दूरी की वजहें क्या हैं ? ऐसे में लोगों के मन में सवाल उठता है कि आखिर पीएम मोदी श्री रामलला से दूरी का कारण क्या है ? बता दें कि राम मंदिर आंदोलन से लेकर अब तक बीजेपी के दो ही ऐसे नेता रहे हैं, जिन्होंने रामलला से दूरी बनाए रखी है । बीजेपी के उन नेताओं में पहला नाम है बीजेपी के संस्थापक सदस्यों में से एक और पूर्व प्रधानमन्त्री स्वर्गीय अटल बिहारी वाजपेयी और दूसरा वर्तमान प्रधानमन्त्री नरेन्द्र मोदी का है ।

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