मिल्कीपुर, अयोध्या। आज तक के इतिहास में सबसे क्रूरतम और घिनौने जातिवादी समीकरणों के बीच छटपटाता हल्ले द्वारिकापुर मौन होकर काल की गति को निहार रहा है । बताते चलें कि उत्तर प्रदेश की आध्यात्मिक राजधानी कही जाने वाली पौराणिक नगरी, मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम की जन्मस्थली अयोध्या के एक गांव में बीते दिनों सारी मर्यादाएं तार तार होती दिखीं ।
हल्ले द्वारिकापुर में ग्राम प्रधान देवशरण यादव की हत्या के बाद प्रधान यादव के समर्थकों ने हत्यारोपियों के गांव में जो ताण्डव मचाया उससे मानवता शर्मसार हो गयी । सात परिवारों के घरों को पेट्रोल छिड़ककर जला दिया गया, ट्रैक्टर – ट्राली – मोटरसाइकिलें – साइकिलों समेत पूरी गृहस्थी को स्वाहा कर दिया गया । लूटपाट की गयी, महिलाओं के साथ अभद्रता की गयी, और तो और पालतू पशुओं तक को नहीं बख्शा गया, आतताइयों द्वारा गौमातायें भी जला दी गयी, परिवार के लोग गांव छोड़कर पलायन कर गये । आश्चर्यजनक रूप से यह सब कुकृत्य प्रशासन की आंखों के सामने होता रहा और हमारी पुलिस मात्र मूकदर्शक बनी रही । क्षेत्र का समूचा जनमानस उक्त रवैये से हतप्रभ है ।
अब जब पीड़ित परिवार वालों की वापसी हुई तो क्षेत्रीय विधायक शोभा सिंह चौहान तथा विधायक प्रतिनिधि अमित सिंह चौहान के अथक प्रयासों से पीड़ितों की तहरीर पर इक्कीस नामजद तथा तीस अज्ञात उपद्रवियों के खिलाफ़ मुकदमा दर्ज हो गया और अमित सिंह चौहान ने पीड़ितों को भरोसा दिलाया कि उनके साथ न्याय होगा । पड़ोसी विधानसभा के विधायक उदार हृदय खब्बू तिवारी द्वारा सभी सात पीड़ित परिवारों को तुरन्त आर्थिक सहायता के साथ गृहस्थी की सारी सामग्री मुहैया करायी तथा पीड़ित परिवार के साथ खड़े रहने का वादा भी किया और कहा कि दोषियों को कठोर सजा दिलवायी जायेगी ।
अब इसके बाद कई तथाकथित यशस्वी माननीय राजनेताओं और स्वयंभू समाजसेवियों द्वारा उजड़े हल्ले द्वारिकापुर को घिनौनी जातिवादी तथा कुटिल सियासत का अखाड़ा बना दिया गया है । सियासी शतरंज की विसात बिछाकर वोटों की राजनीति का कुटिल खेल खेला जा रहा है । जो कदापि उचित नहीं है और जिसके परिणाम भविष्य में घातक सिद्ध होंगे ।
आश्चर्यजनक रूप से कहीं श्रेय लेने की होड़ तो कहीं समाज में जातिवाद का ज़हर घोलने कार्य कुछ छद्म समाजवादियों, तथाकथित युवा हृदय सम्राट यशस्वी नेताओं तथा स्वयंभू समाजसेवियों द्वारा किया जा रहा है । प्राप्त जानकारी के अनुसार मृतक प्रधान की हत्या के पांच नामजद आरोपियों में से चार की गिरफ्तारी हो चुकी है दूसरी तरफ़ सात घरों को जलाने वाले, लूटपाट करने वाले, गौ हत्या करने वाले इक्कीस नामजद आरोपियों में से अब तक किसी की भी गिरफ़्तारी नहीं हुई । पुलिस प्रशासन के उक्त रवैये भी कई सवाल खड़े करते हैं ।
इन सबके बीच लुटा पिटा हल्ले द्वारिकापुर और सब कुछ गवां चुके पीड़ित गांव में आने वाले हर किसी को आशा भरी नजरों से निहार रहे हैं । राजनेताओं के उक्त रवैये को देखकर क्षेत्र की जनता भी स्वयं को ठगी हुई सी महसूस कर रही है