Home अयोध्या किसानों की भूमि का उचित मूल्य न मिलने से किसानों में हड़कम्प 

किसानों की भूमि का उचित मूल्य न मिलने से किसानों में हड़कम्प 

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पूर्व प्रमुख ने मामले को प्रमुखता से संज्ञान में लिया 

मुख्यमंत्री को पत्र भेजकर किसानों को उनका हक दिलाए जाने की लगाई फरियाद 

मिल्कीपुर, अयोध्या। राष्ट्रीय राजमार्ग 330 ए के निर्माण में किसानों/व्यापारियों की अधिग्रहित भूमि का उचित मुआवजा न दिए जाने का मामला पूरी तरह से गर्म हो गया है। मिल्कीपुर के पूर्व ब्लाक प्रमुख कमलासन पाण्डेय ने प्रदेश के मुख्यमंत्री को शिकायत की प्रार्थना पत्र भेजकर उप निबंधक कार्यालय द्वारा घोषित रजिस्ट्री मूल्य के अनुसार किसानों को मुआवजा दिलाए जाने की मांग की है।

बताते चलें कि अयोध्या (फैजाबाद) से रायबरेली तक राष्ट्रीय राजमार्ग 330 ए को फोरलेन बनाए जाने का कार्य बिल्कुल प्रगति पर है। इसके लिए सड़क के किनारे पड़ने वाले किसानों, व्यापारियों की भूमि का अधिग्रहण भूमि अध्याप्ति अधिकारी की ओर से किया जा रहा है। जिसके तहत किसानों एवं व्यापारियों को साधारण मूल्य का मुआवजा प्रस्तावित किया गया है। जिसकी देय धनराशि में काफी अंतर है। सामान्य किसानों को भी जो भूमि अधिग्रहित की जा रही है उसका मुआवजा साधारण दर से दिए जाने पर क्षेत्र के किसानों में काफी आक्रोश व्याप्त है।

पूर्व प्रमुख श्री पाण्डेय का कहना है कि हाईवे, चक मार्ग, लिंक मार्ग और आबादी तथा दुकानों की बगल की भूमि की रजिस्ट्री किए जाने पर निबंधन कार्यालय में अतिरिक्त धनराशि व्यय करनी पड़ती है। जबकि इस स्थिति में किसानों की भूमि जो शासन द्वारा अधिग्रहित की जा रही है उसकी देय धनराशि साधारण प्रस्तावित की गई है। पूर्व प्रमुख ने सरकार पर आरोप लगाया है कि सरकार किसानों के हित को नजरअंदाज कर रही है। जिसका परिणाम है कि राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण अपनी मनमानी पर उतर आया है और किसानों की बेशकीमती भूमि अधिगृहित करते हुए उन्हें मनमाना मूल्य थमा कर उनका दोहन करने पर तुला है। पूर्व प्रमुख श्री पाण्डेय ने कहा कि यदि हमारी मांगों के अनुरूप कार्यवाही ना हुई तो मामला उच्च न्यायालय में भी योजक कर न्याय की दुहाई की जाएगी।

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