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मिल्कीपुर के आस्तीक आश्रम के समीप अन्तर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा बनाने की उठी माँग

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अयोध्या। अयोध्या नगर की गोद में श्रीराम अन्तर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे के विस्तारीकरण को लेकर बखेड़ा खड़ा हो गया है। श्रीराम अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे के लिए प्रशासन द्वारा अधिग्रहित की जा रही जमीन का कम मुआवजा मिलने की वजह से किसान अपनी जमीन नहीं देना चाह रहे हैं। इसके लिए बड़े पैमाने पर किसान और अन्य विपक्षी दलों की तरफ से धरना-प्रदर्शन किए जा रहे हैं।
इसी बीच अयोध्या में श्री राम जन्मभूमि मंदिर की सुरक्षा को देखते हुए श्रीराम अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे को मिल्कीपुर के श्री आस्तिक आश्रम के निकट या फिर भरतकुंड के पास अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा बनाने की मांग उठ गई है। इसके लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सहित जिले के कलेक्टर व अन्य जिम्मेदार अधिकारियों से मांग के अनुरूप विचार करने का अनुरोध किया गया है।

श्रीराम अन्तर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे को शहर से करीब 20 किलोमीटर दूर बनाने की मांग के पीछे लोगों का तर्क है कि अयोध्या फैजाबाद शहर की सुरक्षा को देखते हुए अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा शहर की गोद में बनाया जाना उचित नहीं है। वर्तमान में बाईपास के निकट जो हवाई अड्डा है उसे राज्यस्तरीय हवाई अड्डे के रूप में मॉडर्न हवाई अड्डा बनाया जाए। लेकिन अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा शहर के गोद में नहीं होना चाहिए। श्री राम जन्मभूमि मंदिर निर्माण के बाद पूरे शहर की सुरक्षा एक प्रमुख मुद्दा है। ऐसे में अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा शहर से तकरीबन 20- 25 किलोमीटर दूर 84 कोसी परिक्रमा मार्ग की परिधि के अंदर होना चाहिए।

इस बारे में सामाजिक कार्यकर्ता एवं श्री राम मंदिर निर्माण के लिए 71 दिवसीय श्री राम दर्शन यात्रा का नेतृत्व कर चुके इंजीनियर रवि तिवारी ने अपनी मांग लोगों के सामने रखी है।
उनका कहना है कि आज अयोध्या पर दुनिया की दृष्टि है.. इस निमित्त अयोध्या के विकास के सम्बन्ध में निम्न माँगों पर विचार किया जाना आवश्यक है।

प्रमुख मांगे कुछ इस प्रकार है …

  1. अयोध्या में प्रस्तावित श्री राम अंतर्राष्ट्रीय विमानपत्तन को सघन शहरी क्षेत्रों में न बना कर, 15 किलोमीटर दूर बीकापुर विधानसभा के भरतकुंड या मिल्कीपुर विधानसभा के श्री आस्तीक मुनि आश्रम के पास बनाया जाये l

  2. वर्तमान हवाई पट्टी को अत्याधुनिक सुविधाएं प्रदान कर विश्वविद्यालय को सौंप दिया जाये और विश्वविद्यालय को श्री गुरुवशिष्ठ केन्द्रीय विश्वविद्यालय के रूप में उन्नत करके एरोनाटिक्स विभाग के साथ दुनिया में प्रचलित सभी प्रकार के प्रौद्योगिकी विभाग स्थापित किया जायेl

  3. विश्वविद्यालय में चल रहे सभी विभाग जो सेल्फ़ फाइनैंस व्यवस्था में हैं उन्हें स्थाई बना कर शुल्क कम किया जाये और संविदा पर काम कर रहे सभी शिक्षक / कर्मचारियों को स्थाई नियुक्ति प्रदान किया जाये और सभी को श्रीगुरु वशिष्ठ केन्द्रीय विश्वविद्यालय में समाहित कर दिया जाये।

  4. वर्तमान अवध विश्वविद्यालय से सम्बद्ध सभी महाविद्यालयों को एक नया परिसर विकसित कर डा. राममनोहर लोहिया अवध राज्य विश्वविद्यालय के साथ सम्बद्धता प्रदान कर इसकी सार्थकता को बनाये रखा जाये।

  5. देश के सभी प्रदेशों के रिसोर्स सेन्टर अयोध्या में विकसित किये जायें, जहाँ उन प्रदेशों के अधिकारियों/कर्मचारियों की नियुक्ति हो और अयोध्या का सम्बन्ध देश के सभी स्थानों से स्थाई रूप से विकसित हो।

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