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छह माह से नहीं मिला इन्हें कोई काम, रोजी-रोटी के पड़ गए लाले

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डीजे, ढोल-नगाड़ा, टेंट और डेकोरेशन का व्यवसाय करने वालों पर भारी संकट 

बीकापुर, अयोध्या जनपद में कोरोना संक्रमण की वजह से शादी-विवाह,पार्टी और त्यौहार, यहां तक की मंदिर-मस्जिद में पूजा-अर्चना और नमाज अता करने पर पाबंदी लगी है। पर हमारी खुशियों के हमसफरों डीजे, बैंडबाजा, टेंट, ढोल-नगाड़ों और डेकोरेशन करने वालों पर रोजी-रोटी का खतरा मंडराने लगा है। कोरोना वायरस के खतरे को देखते हुए शासन, सरकार और प्रशासन ने सभी तरह के उत्सवों को मनाने पर पाबंदी लगा रखी है। जिसके कारण पिछले छह महीनों से डीजे, ढोल, और टेंट वालों को कोई काम नहीं मिला है। ये पूरी तरह बेरोजगार हो चुके है और अब इनके सामने रोजी-रोटी के लाले पड़ गए हैं।

लेकिन पिछले छह महीनों से लगी पाबंदी के कारण बेरोजगार हो गए, ये हमसफ़र भुखमरी के कगार के मुहाने पर हैं। बीकापुर तहसील के खजुराहट (रामनगर) डीजे कारोबारी राजकुमार मौर्या “सरगम” बताते हैं कि कोरोना वायरस के बढ़ते खतरे को देखते हुए शासन के निर्देश पर प्रशासन ने शादी-विवाह में सिर्फ 50 लोगों के शामिल होने की इजाजत दे रखी है और ढोल-नगाड़ों के बजाने पर पूर्ण पाबंदी है। त्योहारों पर भी किसी भी आयोजन की मनाही है, ऐसे में कोई काम नहीं मिल रहा है और न ही कोई एडवांस बुकिंग ही हो रही है।उन्होंने बताया कि एक सहालग के सीजन में करीब 50 हजार रुपए तक का कारोबार हो जाता था लेकिन, पिछले छह महीनों से एक रुपये का काम नहीं मिला है। हम भुखमरी की कगार पर पहुंच गए हैं। इतना ही नहीं है, ढोल-नगाड़े बजाने वाले ज्यादातर लोग ऑटोरिक्शा चलाने लगे हैं।

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