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छात्रों के अनुत्तीर्ण होने से नाराज अभिभावकों ने विद्यालय के प्रधानाचार्य एवं उच्चाधिकारियों को चिट्ठी लिखकर जतायी नाराजगी 

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कुमारगंज, अयोध्या । नरेन्द्रदेव कृषि विश्वविद्यालय कुमारगंज अयोध्या स्थित डीएवी पब्लिक स्कूल के प्रिंसिपल एस के श्रीवास्तव व शिक्षकों के कार्यप्रणाली से नाखुश बच्चों के अभिभावकों ने रोष व्यक्त किया है । अभिभावकों का कहना है कि स्कूल प्रशासन उनके बच्चों के भविष्य के साथ खिलवाड़ कर रहा है । स्कूल प्रशासन द्वारा कक्षा ग्यारह में मानक से अधिक बच्चों का एडमीशन कर लिया और परीक्षा के उपरांत बारहवीं कक्षा में तय संख्या रख कर शेष बच्चों को फेल कर दिया गया । यह भी आरोप है कि अभिभावकों ने अपनी गाढ़ी कमाई के पैसे से बच्चों को अच्छी शिक्षा देने के लिये साल के बारहों महीने की फीस जमा की, री-एडमीशन शुल्क के नाम पर भी भारी भरकम रकम अदा की और अब अंत में बच्चों को फेल कर दिया गया, जबकि मासिक टेस्ट, अर्धवार्षिक परीक्षा में बच्चे अच्छे नम्बरों से पास हुए हैं तो बार्षिक परीक्षा में कैसे फेल हो गए।

वहीं कुछ स्कूली बच्चों ने बताया कि प्रिंसिपल कह रहे हैं कि आईएसओ में एडमीशन करा लो और हमारे स्कूल में कोचिंग ले लो और कोचिंग फीस ₹ ६०० प्रति सब्जेक्ट प्रतिमाह पड़ेगी। यदि बच्चों की मानें तो ट्यूशन के नाम पर अतिरिक्त कमाई करने के चक्कर में ही उन्हें फेल कर दिया जाता है। अभिभावकों का कहना है कि यदि उनका बच्चा पढ़ने में सही नही था तो उसी स्कूल में हाई स्कूल में ७५-८० प्रतिशत अंक पाकर पास कैसे हुआ, फिर उन्हें बच्चो के विषय मे नोटिस क्यों नही दी गयी एक ही क्लास ११ वीं में ही ४० से ५० प्रतिशत बच्चे फेल कैसे हो गए ? इसकी जांच होगी तो स्कूल द्वारा किया जा रहे लूट के धंधे की कलई खुल जाएगी। वहीं कुछ बच्चों ने अपनी कॉपी की री जाँच करवाई तो उन बच्चों के सभी प्रश्न के उत्तर सही निकले हैं, फिर भी उस बच्चे को फेल कर दिया गया है।

सूत्रों की माने तो ये घिनौना कृत्य हर वर्ष क्लास ११ वीं के छात्र/छात्राओ के साथ किया जाता है, और मोटी रकम देने पर बच्चे को पास कर दिया जाता है। यह प्रकिया हर वर्ष होती रहती है उन्हीं बच्चो को फेल किया जाता है जिनके अभिभावक कुछ भी बोलने में असमर्थ रहते हैं और अपने बच्चे का किसी दूसरे स्कूल में दाखिला करवा देते हैं । वहीं कुछ अभिभावकों ने लिखित पत्र के माध्यम से नरेंद्र देव कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के कुलपति/ पी ओ एस सी ओ कमेटी /प्रधानचार्य/ नरेंद्र देव डी ए वी चेयरमैन व जिला अधिकारी अयोध्या को लिखित शिकायत पत्र के माध्यम से करके इस पूरे प्रकरण से अवगत कराया है।

डीएवी प्रधानाचार्य एस के श्रीवास्तव का कहना है कि मेरे विद्यालय में क्लास ११वीं में १३५ सीटें उपलब्ध है और क्लास १२ वीं में भी १३५ सीटें उपलब्ध हैं। प्रधानाचार्य एस के श्रीवास्तव से कुल छात्रों के लिखे नामों की संख्या पूछी गई तो उन्होंने कहा कि मुझे मालूम नहीं है जब कुल फेल छात्रों की संख्या पूछी गई तो इसके बारे में भी कहा कि मुझे मालूम नहीं है । इस पूरे प्रकरण में फेल छात्रों के अभिभावकों ने गंभीर आरोप लगाते हुए बताया कि डीएवी पब्लिक स्कूल के द्वारा शिक्षा के नाम पर मात्र धन उगाही है की जा रही है । हमारे बच्चे पढ़ने में अच्छे हैं यदि अच्छे नहीं होते तो ७५ से ८० % अंक सीबीएसई बोर्ड में कैसे लाते ? यह डीएवी विद्यालय प्रशासन की मिलीभगत से सीट से अधिक बच्चों के नाम लिख देने की वजह से ४० से ५० % बच्चों को फेल कर दिया गया, बाकी शेष बच्चों का नाम क्लास १२ वीं में अंकित कर लिया गया। अभिभावकों में शैलेंद्र कुमार पाण्डेय, अजीत प्रताप सिंह, डॉक्टर विश्वास, राम चंद्र अग्रहरी, केदारनाथ शुक्ला नरेंद्र चौहान आदि कई अभिभावक उपस्थित रहे।

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