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क्या आपको मौत के करीब ले जा रहा है आपके घर में रखा यह बर्तन

अधिकतर घरों में खाना पकाने के लिए एल्युमीनियम के बर्तनों का इस्तेमाल किया जाता है। मगर क्या आपको पता है इसमें बना खाना खाना आपकी सेहत को नुकसान पहुंचा सकता है। इससे कैंसर, लिवर की खराबी और पेट की समस्या समेत कई अन्य बीमारियां हो सकती हैं।
1.एल्युमीनियम शरीर के लिए बहुत हानिकारक होता है। ऐसे में इसमें पके हुए भोजन को खाने से रोजाना शरीर में करीब 4 से 5 मिलीग्राम एल्युमीनियम जाता रहता है।
2.चूंकि इंसान के शरीर का मेटाबॉलिज्म इतना तेज नहीं होता है कि वो एल्युमीनियम जैसे हार्ड तत्व को बाहर निकाल सके, इसलिए ये शरीर में ही स्टोर होकर रहता है। मगर जब भी हम टमाटर, नींबू या कोई दूसरी खट्टी चीज खाते हैं तो एल्युमीनियम इसके साथ रिएक्शन पैदा करता है।

3.हेल्थ एक्सपर्ट्स के मुताबिक एसिडिकि पदार्थों के खाने से एल्युमीनियम का रिएक्शन होता है। ये बॉडी के लिए नुकसानदायक साबित होता है। इसे शरीर का सिस्टम बर्दाश्त नहीं कर पाता है।

4.ऐसा होने पर किडनी, लीवर की खराबी और हड्डियों की कमजोरी समेत कई बीमारियां हो जाती हैं। समस्या बढ़ने पर व्यक्ति की मौत भी हो सकती है।

5.आयुर्वेद विज्ञान में भी एल्युमीनियम को सबसे खराब धातु माना जाता है। बताया जाता है कि अंग्रेजों ने भारतीय कैदी को सजा देने और उनको जल्द से जल्द मारने के लिए एल्यूमीनियम के बर्तनों में खाना देते थे। जिससे चलते धीरे-धीरे शरीर बेकार हो जाता है।

6.एल्युमीनियम के बर्तनों में पका खाना खाने से हमारा नर्वस सिस्टम प्रभावित होता है। इससे तंत्रिकाएं ठीक से काम नहीं करती हैं। नतीजतन बॉडी और माइंड के बीज तालमेल नहीं बन पाता है।

7.एल्युमीनियम एक हार्ड धातु है। इसके शरीर में जमने से मेटाबॉलिज्म धीमा हो जाता है। साथ ही ये लिवर को भी डैमेज कर देता है।

8.ये लिवर में लगे फिल्टर को काट देता है। जिससे एल्युमीनियम की मात्रा तेजी से आंतों और शरीर के दूसरे हिस्सों तक पहुंचने लगती है।

9.इसके लगातार इस्तेमाल से दिमाग पर भी असर पड़ने लगता है। इससे धीरे-धीरे व्यक्ति की याददाश्त कमजोर हो जाती है। इससे मेमोरी लॉस की शिकायत भी हो सकती है।

10.एल्युमीनियम के बर्तनों के इस्तेमाल से व्यक्ति को कैंसर जैसी घातक बीमारी भी हो सकती है। क्योंकि इससे बने बर्तनों में खाना पकाने से भोजन का टेक्सर बदल जाता है। आप इसके रंग और स्वाद में बदलाव देख सकते हैं।

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