बोल रहे हर बम बम भोले
देवाधिदेव महादेव
बृजेश दुबे
अंग भभूत जहां के प्रसाद
छने नित नूतन भंग के गोले
कंकर - कंकर पावन है
शिव शंकर मुक्ति के...
पूर्वांचल वासियों के साहित्यिक कार्यक्रम के समाचार व साहित्यकारों की रचनायें