व्यंग बांड़ – मामा नाम ही काफ़ी हैं
"मामा" नाम ही काफी है, लोगों को बतलाने को।
केवल रात ही काफी है, नेताओं को आजमाने को।
एड़ी चोटी एक किये सब, अब कुर्सी हथियाने...
पूर्वांचल वासियों के साहित्यिक कार्यक्रम के समाचार व साहित्यकारों की रचनायें