इन्क़लाब,,, ज़िन्दाबाद
इन्क़लाब,,, ज़िन्दाबाद
इन्क़लाब की बलिवेदी पर,
बिस्मिल बम बम बोला था ।
देख बसंती चोला जब,
अंगरेजी शासन डोला था ।
निकल पड़े जब सरफरोश,
सीने पर गोली खाने को...
जागऽ जागऽ जागऽऽ भोजपुरिया जवान अब
आथिर्क आजादी के होखे घमासान अब।
जागऽ जागऽ जागऽऽ भोजपुरिया जवान अब।।
तोहर राज्य काशी सबसे प्राचीन बा,
जगा जगा फईलल शैव संस्कृति के चिन्ह बा।
गौरवशाली विरासत...
सम्मान समारोह में कवियों ने बिखेरा जलवा
छपरा : सारण की बेटी के नाम से ख्यातिलब्ध "कवयित्री ऋतु तिवारी" के कोलकाता से चलकर छपरा आगमन पर उनके सम्मान में एक भव्य...
नेह की उलझन मेघ में
क्या करूँ मैं, हे मेघा!
खुश होऊँ या शोक मनाऊँ,...
काल की बदरी!
चहु ओर फैली है,
इस बदरी को कैसे अपनाऊँ...
क्या करूँ मैं, हे मेघा!
खुश होऊँ या...
साहित्यिक संस्था काव्यकुंज की १११३ वीं मासिक काव्यगोष्ठी में कवियों ने बिखेरा जलवा
मुंबई। साहित्यिक संस्था काव्यकुंज की १११३वीं मासिक काव्यगोष्ठी हौंसिला प्रसाद अन्वेषी की अध्यक्षता व रमेश श्रीवास्तव जी के संचालन, अंजली टूर्स एण्ड ट्रावेल्स श्यामकमल...
शिक्षक दिवस मनाना देश के तमाम नियोजित शिक्षकों के लिए हुआ बेमानी,शिक्षा और...
बदलते परिवेश के साथ मानव जीवन की बुनियादी आवश्यकताएं बदल गई पर भारत में कुछ नहीं बदला तो वह है शिक्षा एवं शिक्षकों की...
” मैं बेटी हूँ मैं ” बेटी सूरज के समान प्रकाशीत बनूंगी ।
" मैं बेटी हूँ मैं " बेटी सूरज के समान प्रकाशीत बनूंगी ।
" मैं बेटी हूँ मैं " बेटी हर तनहाई से लडूंगी ।
" मैं बेटी हूँ...
नफरत का जहर दिल से मिटाया न जायेगा, ”शाखों में नमी कम” लोकार्पण एवं...
रिपोर्ट: विनय शर्मा 'दीप'
ठाणे(महाराष्ट्र)। साहित्य की गंगा के वरिष्ठ साहित्यकार, गज़लकार एन बी सिंह "नादान" कृत 15 वीं गज़ल संग्रह "शाखों में नमीं कम"...
एक शाम दीक्षित दनकौरी के नाम काव्यसंध्या में कवियों की सजी महफ़िल
ठाणे । भारतीय जन भाषा प्रचार समिति ठाणे एवं अखिल भारतीय साहित्य परिषद तथा महफ़िल ए गज़ल साहित्य समागम के तत्वावधान मुन्ना विष्ट के...
“बाबा साहेब आप वापस आओ”
(6दिसंबर, भारत रत्न महामानव डॉ बाबासाहब भीमराव आंबेडकर के महापरिनिर्वाण दिवस के उपलक्ष्य में उनकी याद में।)
आज हम जिस स्वतंत्र भारत में खुली सांस...