हमार पूर्वांचल

आशीर्वचन-हौसलों की उड़ान 

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आशीर्वचन-हौसलों की उड़ान   हरीश जी निश्चिन्त होकर, कर्म तुम करते रहो । पूर्वांचल की डगर पर, बिन डिगे बढ़ते रहो । अरुण से चमकोअनुज, शुभकामना 'देवराज' की, झुक...

साहित्यिक संस्‍था काव्‍यकुंज की १११३ वीं मासिक काव्‍यगोष्‍ठी में कवियों ने बिखेरा जलवा

मुंबई। साहित्यिक संस्था काव्‍यकुंज की १११३वीं मासिक काव्‍यगोष्‍ठी हौंसिला प्रसाद अन्‍वेषी की अध्‍यक्षता व रमेश श्रीवास्‍तव जी के संचालन, अंजली टूर्स एण्‍ड ट्रावेल्स श्‍यामकमल...

नववर्ष के स्वागत में “विश्व मैत्री मंच” के तत्वावधान में कवियत्रियों की सजी महफ़िल

ठाणे (पश्चिम) मुंबई विश्व मैत्री मंच की नववर्ष की प्रथम काव्य गोष्ठी का शुभारंभ मुंबई विश्व मैत्री मंच की शाखा अध्यक्षा श्रीमती आभा दवे के...

आज का गाँव परदेशी की नजर से

मैं और मेरा गाँव अतीत के आईने से गाँव की गलियों और बगीचों में खेत में, खलिहानों में खाली पड़े मैदानों में , खेलते कूदते अटखेलियां करते...
हमार पूर्वांचल

दीपोत्सव के उपलक्ष्य में हुआ काव्यसंध्या का आगाज़

ठाणे :हिन्दुस्तान की पावन-पवित्र, भाईचारा, स्नेह-मिलन का पर्व दीपावली के उपलक्ष्य में "संगीत साहित्य मंच ठाणे " की काव्यसंध्या का खूबसूरत नजारा सिडको बस...
हमार पूर्वांचल

क्या फर्क पड़ता है भाजपा जीते या कांग्रेस..!

दोनों पार्टियों ने पूरी निर्लज्जता के साथ जमकर एक दूसरे के घर में सेंधमारी की, और टिकिट के हवसीयों ने भी भरपूर उत्पात मचाया। भाजपा...
हमार पूर्वांचल

पारडी वापी में सजी काव्यसृजन की विशेष महफ़िल

मुंबई: साहित्यिक, सामाजिक, सांस्कृतिक संस्था काव्यसृजन मुंबई की विशेष काव्यगोष्ठी गुजरात के पारडी वापी में दिनांक 8 नवम्बर 2018 गुरूवार को दीपावली एवं भाईदूज के...

दिल को खटके …. ज़रा हटके

  नादान शब्दावली, दिलमय ऐ स्वार्थ आत्मकपट त्याग, जीवनमय यथार्थ जीवनमय यथार्थ, ज्वलंत तो कीजिए गुरुकुल पथमय, स्वाभिमान लीजिए 'बहुरुपीय' मौन, संस्कारी हो खानदान शिक्षा-संस्कार, पथिक न मिलें नादान     एस, टी,...

भाजभा प्र• समिति के तत्वावधान में रिमझिम बारिश में सजी कवियों की महफ़िल

ठाणे । भारतीय जन भाषा प्रचार समिति ठाणे एवं अखिल भारतीय साहित्य परिषद महाराष्ट्र के तत्वावधान में रिमझिम बारिश के बूंदो के संग भव्य...

रफ़ाकत के वो सब किस्से सुहाने याद आते हैं

रफ़ाकत के वो सब किस्से सुहाने याद आते हैं हमें अब भी मुहब्बत के ज़माने याद आते हैं रोज़ हँसता था महफिल में कभी दोस्तों के...